कांग्रेस पार्टी की तरफ से लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है। पार्टी ने अभी तक उम्मीदवारों की कुल 13 लिस्ट जारी कर दी हैं, लेकिन अभी भी हाई प्रोफाइल सीट अमेठी और रायबरेली को लेकर पार्टी कोई फैसला नहीं ले पाई है। ये दोनों वो सीटें हैं जो गांधी परिवार की प्रतिष्ठा मानी जाती है। कुछ साल पहले तक तो अमेठी राहुल गांधी का गढ़ बन चुका था, लेकिन 2019 में सबसे बड़ा सियासी खेल करते हुए स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को अमेठी से हरा दिया। उस हार के बाद से अब राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ने से बच रहे हैं, इसका औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है लेकिन पार्टी से जो संकेत मिल रहे हैं, वो बताते हैं कि राहुल इस बार अमेठी से चुनाव नहीं लड़ेंगे और राहुल ने अगर मना कर दिया है तो प्रियंका गांधी भी कुछ खास दिलचस्पी नहीं दिख रही हैं।

उनकी तरफ से भी अमेठी सीट से लड़ने से बचा जा रहा है, सोनिया गांधी तो पहले ही चुनावी राजनीति से अलग हो चुकी हैं और राज्यसभा का रास्ता उन्होंने तय किया है। अभी इस असमंजस की स्थिति के बीच दिलचस्प मोड़ लेकर आए हैं प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा। रॉबर्ट वाड्रा ने एक बार फिर सक्रिय राजनीति में आने की इच्छा जाहिर कर दी है। उनकी तरफ से कहा गया है कि वे अमेठी से चुनाव लड़ सकते हैं।

खुद रॉबर्ट वाड्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि अमेठी के लोग मुझसे उम्मीद करते हैं मैं उनके सांसद बनाकर अपनी राजनीति शुरू करूं। अब ये बयान बताने के लिए काफी है कि रॉबर्ट वाड्रा ने अमेठी से चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। गांधी परिवार से भी वे ताल्लुक रखते हैं, प्रियंका गांधी के पति हैं, लंबे समय से राजनीति में न रहकर भी सियासत के दांव पेंच समझते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस इस बार रॉबर्ट वाड्रा की राजनीति में लॉन्चिंग करवा सकती है? अब सवाल इसलिए क्योंकि पिछले कई सालों में कई ऐसे मौके आए जब कहा गया कि रॉबर्ट राजनीति में एंट्री ले सकते हैं, लेकिन हर बार कांग्रेस ने उन्हें वो मौका नहीं दिया।

2 साल पहले भी रॉबर्ट वाड्रा ने एक मीडिया इंटरव्यू में कहा था कि वे राजनीति में आने का फैसला परिवार से चर्चा करने के बाद ही लेंगे। लेकिन मुरादाबाद का प्रतिनिधित्व करने के लिए कई लोग उनसे अनुरोध कर चुके हैं। उस समय तो रॉबर्ट वाटर ने यहां तक कहा था कि मुरादाबाद में उनका परिवार है, एक व्यवसाय है, उनके पूर्वज भी वहीं से थे। इसलिए उनकी इच्छा है कि वे मुरादाबाद का प्रतिनिधित्व करें। अब 2 साल बाद रॉबर्ट वाड्रा फिर ऐसा ही बयान दे रहे हैं, बस फर्क इतना है कि इस बार मुरादाबाद की जगह अमेठी सीट उनके दिल में बैठ गई है। अब वे अमेठी का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं।

अब राजनीतिक जानकार मानते हैं कि रॉबर्ट वाड्रा के लिए तो अमेठी से चुनाव लड़ना इस समय एक फायदे का सौदा हो सकता है। समझने वाली बात ये है कि जब राहुल गांधी ज्यादा इच्छा जाहिर नहीं कर रहे हैं और सोनिया गांधी सियासी पिक्चर से ही बाहर चल रही है। उसे देखते हुए रॉबर्ट वाड्रा को अपनी संभावनाएं ज्यादा प्रबल नजर आ रही है। दिलचस्प बात ये भी है कि कांग्रेस के कई नेता खुद इस सीट से गांधी परिवार के ही किसी सदस्य को लड़वाना चाहते हैं। अब वाड्रा प्रियंका के पति के साथ-साथ सोनिया गांधी के दामाद भी हैं, ऐसे में हो सकता है असमंजस की स्थिति को खत्म करने के लिए हाई कमान इस बार रॉबर्ट वाड्रा को अमेठी से आगे कर दे।

अूब रॉबर्ट वाड्रा के लिए खुद की सियासी संभावना तो प्रबल दिखाई दे रही है, लेकिन गांधी परिवार को कई और बिंदुओं पर फोकस करना पड़ेगा। ऐसा माना जा रहा है कि अगर रॉबर्ट वाड्रा को अमेठी से उतारने का फैसला होता है तो वो निर्णय भी सोनिया, प्रियंका और राहुल तीनों मिलकर साथ में ही लेंगे। अब एक बार के लिए कांग्रेस के लिए अमेठी की समस्या तो खत्म हो जाएगी लेकिन परिवारवाद का तमगा पिछले 10 सालों से कांग्रेस को जबरदस्त नुकसान पहुंचा रहा है। अब उसका नया रूप रॉबर्ट वाड्रा के रूप में उसे घेर सकता है। ये नहीं भूलना चाहिए कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी का परिवार नाम से कैंपेन चला रखी है। स्पष्ट संकेत देने का काम हो रहा है कि एक बार फिर परिवारवाद के खिलाफ आवाज बुलंद की जाएगी। हर परिवारवाद वाली पार्टी को घेरा जाएगा। इस बीच अगर रॉबर्ट वाड्रा सही में अमेठी से चुनाव लड़ते हैं तो परिवारवाद के आरोप गांधी परिवार के साथ और मजबूती के साथ चिपक जाएंगे और उस नॉरेटिव से लड़ पाना देश की सबसे पुरानी पार्टी के लिए एक चुनौती बन जाएगा।

एक बड़ी चुनौती कांग्रेस को ये भी हो सकती है कि वाड्रा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हुए हैं, कई मामलों में उनका नाम चल रहा है, बीजेपी लगातार उनके जरिए गांधी परिवार और कांग्रेस को घेरने का काम करती है। ऐसे में अगर वाड्रा चुनावी पिच पर उतरते हैं तो उनके साथ-साथ कांग्रेस को भी कई और बड़े हमलों के लिए तैयार रहना पड़ेगा।