बिहार में चुनाव प्रचार जोरों पर है। इस बार महागठबंधन से अलग होकर उपेंद्र कुशवाहा, ओवैसी और मायावती को साथ लेकर चुनावी मैदान में हैं। एक टीवी कार्यक्रम में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष और अपने गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा ने दावा किया कि एनडीए की जीत के बाद भी नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी और नीतीश कुमार के बीच पहले ही डील हो चुकी है और उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ना केवल एक हथकंडा है। बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा पहले एनडीए का हिस्सा थे और वह केंद्र में मंत्री भी बने। हालांकि बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया और महागठबंधन का रुख किया। हालांकि वह इस बार का विधानसभा चुनाव अलग गठबंधन बनाकर लड़ रहे हैं।
कुशवाहा ने कहा, ‘मेरा मानना है कि अंदर-अंदर बीजेपी और नीतीश के बीच डील हो चुकी है। नीतीश कुमार भी मान चुके हैं कि उन्हें सीएम नहीं बनना है। हां, नीतीश जी के नाम पर दलित और पिछड़ों से वोट ले लो और अल्पसंख्यकों का वोट ले लो और नीतीश को दिल्ली में सेट करके बिहार में भारतीय जनता पार्टी का मुख्यमंत्री बना दिया जाए। लेकिन बिहार के लोग ऐसा होने नहीं देंगे।’
उन्होंने कहा, नीतीश कुमार से पहले लालू की 15 साल सरकार रही है। दोनों ने निराश किया। गांव के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई लिखाई नाम की चीज तब भी नहीं थी और आज भी नहीं है। गरीब लोग इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में जाते हैं। बेरोजगार लोग पहले भी पलायन कर रहे थे औऱ आज भी कर रहे हैं। लोग अपमानित होत हैं फिर भी बाहर जाते हैं। समस्याओं से निजात दोनों ने नहीं दिलाई। कुशवाहा ने कहा, ‘जो कुछ उन लोगों ने नहीं दिया, यह बात सबको पता है। मेरे ऊपर लोग इसलिए भरोसा करें क्योंकि मेरी मंजिल एक रही है। रास्ता जरूर कभी-कभी बदला है। हम भारत सरकार में मंत्री भी रहे। जिस कुर्सी पर बैठकर हम लोगों के हित की रक्षा नहीं कर सकते इसलिए कई बार उस कुर्सी का भी त्याग दिया है।’
मायावती के साथ पर पूछे गए सवाल पर कुशवाहा ने कहा, जो भी आरोप लगते रहें इससे मतलब नहीं है। इस गठबंधन का नेतृत्व मेरे हाथों में हैं। नीतीश कुमार ने क्या किया, जिन लालू जी के खिलाफ थे उनके साथ चले गए। नरेंद्र मोदी जी के लिए क्या-क्या नहीं कहा। फिर उनके साथ हो लिए। बिहार के नेता नीतीश ने ऐसा किया। गठबंधन का नेता मैं हूं मेरे ऊपर आरोप लगाए जाएं। साथियों पर आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं हैं। बता दें कि आरएलएसपी के साथ बहुजन समाज पार्टी और ओवैसी की AIMIM पार्टी भी है।
RLSP अध्यक्ष ने कहा हमारे लिए दुश्मन नंबर एक गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी है। चुनाव के बाद के गठबंधन के बारे में कुशवाहा ने कहा कि अभी सरकार बनवाने के लिए कोई भी गठबंधन करने का विचार नहीं है। हमें गठबंधन की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, जो भी सर्वे की रिपोर्ट से बात आ रही हो। अगर नीतीश फिर सीएम बने तो यह बिहार का दुर्भाग्य होगा। उन्हें इस बात से फर्क पड़ता है कि गरीबों के लिए क्या किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘लालू जी के परिवार के बाहर का कोई अगर गठबंधन का नेता हो तो वहां भी रह सकता था। मैंने बार-बार कहा था कि मेरे मन की कोई बात महागठबंधन में बाधा नहीं बन सकती है।’
