उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के महासचिव जयंत चौधरी ने कहा कि सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव उनसे गठबंधन करना चाहते थे। वे गठबंधन को लेकर फोन पर रो पड़े थे। चौधरी ने कहा कि सपा से गठबंधन ना होने से उनकी पार्टी कमजोर नहीं हुई है। मथुरा विधानसभा से रालोद उम्मीवार अशोक अग्रवाल के समर्थन में सभा के दौरान उन्होंने कहा, ”सपा-कांग्रेस गठबंधन ने लाठी से वार कर हमें तोड़ना चाहा लेकिन रालोद कमजोर नहीं हुई। हम इससे और ज्यादा ताकतवर हुए हैं और लाठी को तोड़ देंगे। यदि आपके दोस्त रोएं और मदद के लिए विनती करें तो क्या आप मना कर देंगे? चौधरी साहब( अजीत सिंह) ने कुछ गलत नहीं किया। मुलायम सिंह यादव फोन पर रो रहे थे और मदद के लिए विनती कर रहे थे तो उन्होंने( अजीत सिंह) दो मिनट के लिए अंदर सपा से गठबंधन पर फैसला कर लिया।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि 600 मीटर तक मेट्रो ट्रेन चलाना और जोर-शोर से विज्ञापन देना विकास नहीं कहलाता। परिवार के सदस्यों के साथ लड़ना अखिलेश यादव की आदत बन गई है। गौरतलब है कि रालोद पश्चिमी यूपी में बड़ी ताकत है। यहां पर उसकी अच्छी खासी पकड़ है। रालोद चाहती थी कि सपा-कांग्रेस गठबंधन में साथ आने से पश्चिमी यूपी की ज्यादातर सीटों पर वह चुनाव लड़े। लेकिन अखिलेश यादव ने इससे इनकार कर दिया। इसके बाद रालोद अकेले ही लड़ रही है। लोकसभा चुनावों में भी रालोद का बड़ा झटका लगा था। पार्टी के अध्यक्ष अजीत सिंह बागपत और उनके बेटे जयंत चौधरी मथुरा से चुनाव हार गए थे।
बता दें कि रालोद कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए का हिस्सा था। अजीत सिंह यूपीए सरकार में मंत्री भी थे। उत्तर प्रदेश चुनावों में कांग्रेस और सपा गठबंधन कर चुनाव लड़ रही हैं। इसके तहत सपा 298 और कांग्रेस 103 सीटों पर दावेदार है। भाजपा ने छोटी पार्टियों से हाथ मिलाया है। वहीं बसपा अकेले ही मैदान में हैं।
