रामेश्वर तेली कभी खेतों में ठेला खींचते थे, पर नरेंद्र मोदी की नई सरकार में अब वह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री बने हैं। 48 वर्षीय तेली चाय जनजाति से नाता रखते हैं, जबकि विधायक और सांसद बनने के बाद भी बेहद सरल जीवन जीते हैं। ‘बीबीसी’ की एक रिपोर्ट में उनके द्वारा ठेला खींचने को लेकर जिक्र किया गया। कहा गया कि तेली से बार संपर्क साधा गया और पूछा गया कि चुनाव के बाद वह क्या रहे हैं? बीजेपी नेता का जवाब आया था, “खेतों में ठेला चला रहा हूं।”
बांस के घर में रहे, मुर्गी पालन भी कियाः करीबियों के मुताबिक, मां के साथ वह दुलियाजान स्थित टिपलिंग पुराना घाट क्षेत्र में बांस और टिन से बने घर में रहते हैं। विस चुनाव में हार (2011 में) के बाद उन्हें घर खर्च चलाने के लिए मुर्गी पालन का काम भी किया था। सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए तब उन्होंने खेत में कई बार ठेला भी खींचा था।
साल 2014 में पहली बार बने सांसद: तेली, ऑल असम टी ट्राइब स्टूडेंट्स यूनियन में छात्र नेता रहे हैं। उन्होंने उसी दौरान राजनीति में अपनी एंट्री का रास्ता और जमीन तैयार कर ली थी। आगे दो बार दुलियाजान से विधायक रहे, जबकि 2014 में से पहली बार सांसद (डिब्रूगढ़ से) बने। हालांकि, उस दौरान वह राष्ट्रीय पटल पर पहचान बनाने में नाकामयाब रहे।
कब से हैं बीजेपी के साथ?: तेली के परिचित देबजीत दत्ता के हवाले से रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 12 जुलाई 1999 को वह बीजेपी से जुड़े थे। बीजेपी उन दिनों बेहद कमजोर पार्टी मानी जाती थी, क्योंकि असम गण परिषद के बाद कांग्रेस का बड़ी पार्टी के रूप में उभार हुआ था।
बड़ी जिम्मेदारी परबोले- सबके बारे में सोचना पड़ेगा: इसी बीच, 30 मई 2019 को उन्होंने मोदी मंत्रिमंडल में कैबिनेट राज्य मंत्री की शपथ ली तो वह राष्ट्रीय सुर्खियों में छा गए। मंत्री बनने उन्होंने वेबसाइट से कहा, “मैं विभाग में नया हूं, पर केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरप्रीत कौर बादल से विभाग संबंधी अनुभव ले रहा हूं। कुछ चीजें अधिकारियों से भी जान-समझ रहा हूं। मुझे राज्य मंत्री रहते हुए देश के हर वर्ग के बारे में सोचना पड़ेगा।”

