Assembly Election 2023 News: राजस्थान-मध्य प्रदेश में आई उम्मीदवारों की सूची के बाद नेताओं के असंतोष को भुनाने में कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जुट गई हैं। दोनों ही दलों में अपने पक्ष में माहौल तैयार करने के लिए इस असंतोष का प्रयोग किया जा रहा है। एक तरफ पार्टी के शीर्ष नेता जहां इस मामले में बयान जारी कर असंतोष को तूल देकर अपनी- अपनी पार्टी की जीत होने का दावा कर रहे हैं, वहीं पार्टी के सोशल मीडिया हैंडल पर भी इन अंदरूनी कलह को सार्वजनिक किया जा रहा है।

जबलपुर में बीजेपी दफ्तर में नाराज कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया

ये हालात मध्य प्रदेश और राजस्थान की सूची सामने आने के बाद सामने आए हैं। जहां भाजपा के अंदर कुछ अंदरूनी झगड़े सामने आए हैं। इन हंगामों को पार्टी अपने सोशल मीडिया के माध्यम से जनता के बीच ला रही है ताकि सही हकीकत सामने लाई जा सके। हाल ही में जबलपुर में भाजपा कार्यालय में घुसकर नाराज कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। जिस समय यह प्रदेश हो रहा था, उस समय प्रदेश प्रभारी व केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव  भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि पार्टी के गार्ड के साथ भी मारपीट हुई है। कार्यकर्ता उत्तर मध्य सीट से जारी किए गए टिकट पर नाराज थे।  

कहीं केंद्रीय मंत्री संग खींचतान तो कहीं प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी

इस पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने सोशल मीडिया में लिखा कि मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले ही भाजपा हार गई है। भाजपा के कार्यकर्ता और नेता आपस में भिड़ रहे हैं। कहीं केंद्रीय मंत्री के साथ खींचतान हो रही है, तो कहीं प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी हो रही है। संकेत साफ है कि भाजपा की अंदरूनी कलह भारी पड़ने वाली है, शिवराज की भ्रष्ट सरकार का अंत तय है। पार्टी ने ऐसे ही वीडियो छिंदवाड़ा के भाजपा कार्यालय से भी जारी किए हैं, जहां टिकट को लेकर नाराज कार्यकर्ता भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने इस बवाल पर कहा कि बेचारे शिवराज जी कहें क्या? उन्होंने बीस हजार से ज्यादा वादे और घोषणाएं है, लेकिन जो मैंने कहा, उसकी मध्य प्रदेश की जनता मेरी गवाह है। मैनें उसे पूरा किया है।

उधर, भाजपा नेता व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधे कांग्रेस पर ही हमला बोला है। उन्होंने कहा कि  मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने मोहब्बत की दुकान नहीं , झूठ की दुकान खोल रखी है। जैसे महाराष्ट्र में शिव सेना दो हिस्सों में बंट गई, वैसे ही मध्य प्रदेश में कांग्रेस दो हिस्सों में बंट गई है। यहां न कोई गठबंधन है, ना ही कांग्रेस का कोई भविष्य। उन्होंने सवाल किया क्या ये सोनिया गांधी या मल्लिकार्जुन खरगे की कांग्रेस है। मध्य प्रदेश में केवल कमलनाथ की कांग्रेस रह गई है। टिकट बांट रहे हैं और टिकट में गड़बड़ हो, तो हंगामा हो रहा है।

कांग्रेस के कार्यकर्ता दशहरे से पहले ही पुतले जला रहे हैं। कमलनाथ ने इंडिया गठबंधन का भी सत्यानाश कर दिया, अपने सहयोगियों के लिए अखिलेश वखिलेश जैसी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। यहां कांग्रेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हो गई है। भाजपा ने भी कांग्रेस की अंदरूनी कलह का एक वीडियो जारी किया है और वह इस चुनाव में पार्टी के हंगामे को मुद्दा बना रही है।

मध्य प्रदेश में 99 फीसद पर हैं आपराधिक मामले

केवल पार्टी के अंदर का विरोध ही नहीं पार्टी की तरफ से दोबारा उम्मीदवार बनाए गए विधायकों पर आपराधिक मामले होना भी एक कारण बताया जा रहा है। हाल ही में एडीआर संस्था ने मध्य प्रदेश के चुने प्रतिनिधियों को लेकर एक विस्तृत रपट जारी की थी। इस रपट कुल 230  विधायकों पर चल रहे आपराधिक मामलों को दर्शाया गया था। रपट के मुताबिक  93 विधायकों पर कोई न कोई आपराधिक मामला था, जबकि 47 ऐसे विधायक थे जो कि गंभीर अपराध में शामिल थे।

सभी विधायकों में 186 विधायक करोड़पति विधायक थे और विधायकों की औसतन आय करीब  10.76 करोड़ रुपए आंकी गई थी। जो 47 मामले गंभीर श्रेणी अपराध श्रेणी में बताए गए थे। उन मामलों में 20 फीसद विधायकों ने अपने शपथपत्र में यह जानकारी दी थी। इन विधायकों में एक वर्तमान विधायक ऐसे थे, जिन पर आइपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज था। इसके अतिरिक्त छह विधायकों ने अपने ऊपर हत्या का मामला दर्ज होने की जानकारी शपथपत्र के माध्यम से दी थी।