Rajasthan Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी दलों के प्रत्याशी जोर-शोर से नामांकन करने में लगे हैं। इसी चुनावी समर के दौरान राजस्थान के मेवाड़ में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। प्रदेश की राजसमंद लोकसभा सीट से तीन दिन पहले कांग्रेस ने पूर्व विधायक सुदर्शन सिंह रावत को अपना प्रत्याशी घोषित किया था।

विधायक सुदर्शन सिंह रावत ने अब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। सुदर्शन सिंह रावत ने राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को टिकट लौटा दिया है। रावत ने इसको लेकर पार्टी आलाकमान को एक पत्र भी लिखा है। इस पत्र में उन्होंने मेवाड़ के कांग्रेस नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को लिखे पत्र में 51 वर्षीय रावत ने कहा कि भले ही उन्होंने अपनी उम्मीदवारी पर असहमति व्यक्त की थी, लेकिन उनका नाम मेवाड़ क्षेत्र के एक शीर्ष पार्टी नेता द्वारा प्रस्तावित किया गया था, जिन्होंने पार्टी नेतृत्व को अंधेरे में रखा था। नेता का नाम लिए बिना रावत ने नेता के कार्यों को अनुचित बताया है।

सुदर्शन सिंह रावत ने कहा कि बीते एक माह में लोकसभा चुनाव की रायशुमारी की चर्चा के दौरान मैंने कई बार प्रदेश के सभी शीर्ष नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई थी, क्योंकि यह मेरी व्यक्तिगत राय थी। उन्होंने आगे लिखा कि ऐतिहासिक विकास कायों के बावजूद गत विधानसभा चुनाव की पराजय के मात्र चार माह बाद मुझे यह नैतिक अधिकार और तर्कसंगत भी नहीं लगा कि मैं लोकसभा चुनाव लड़ूं, न इसको लेकर मेरी कोई रणनीति तैयार थी।

लोकसभा चुनाव में युवाओं को टिकट देने की मांग करते हुए रावत ने कहा, “मेरा व्यापार के सिलसिले में अगले दो माह तक विदेश दौरे पर रहने का कार्यक्रम था। इसलिए किसी युवा और इच्छुक व्यक्ति को मौका देकर उम्मीदवार बनाया जाए।’

पूर्व विधायक रावत ने पत्र में लिखा कि 25 मार्च की शाम को मुझे सोशल मीडिया के जरिये मुझे उम्मीदवार बनाए जाने की खबर मिली, यह मेरे लिए हैरानी की बात थी। उन्होंने कहा कि मेरा शीर्ष नेतृत्व से आग्रह है कि मेरी जगह किसी योग्य और इच्छुक उम्मीदवार को मौका दिया जाए।

सोमवार को घोषित सूची में कांग्रेस ने रावत को भाजपा की महिमा विश्वेश्वर सिंह के खिलाफ मैदान में उतारा, जो मेवाड़ के पूर्व शाही परिवार के नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ की पत्नी हैं।

गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राजसमंद से दीया कुमारी को मैदान में उतारा था, जिन्होंने कांग्रेस के देवकीनंदन को हराया था। कुमारी पिछले साल दिसंबर में विधायक चुनी गईं और अब राजस्थान की उपमुख्यमंत्री हैं।

रावत 2018 में पहली बार विधायक बने। वह राजसमंद के भीम से चुने गए, लेकिन 2023 में उसी सीट से चुनाव हार गए। रावत ने कहा था कि विधायक के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान अनगिनत विकास कार्यों के बावजूद कुछ ऐसे विकास हुए जिन्होंने मेवाड़ के राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया। उन्होंने कहा कि इसलिए नतीजे अनुकूल नहीं रहे और हमने जनता का जनादेश स्वीकार कर लिया।

रावत ने 1991 में राजस्थान विश्वविद्यालय से बीकॉम, 1994 में एमबीए और 1995 में अजमेर विश्वविद्यालय से एम कॉम पूरा किया। वह शादीशुदा हैं और उनका एक बेटा और एक बेटी है।