राजस्थान की सादुलपुर विधानसभा सीट पर मतगणना पूरी हो चुकी है। सादुलपुर विधानसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) के मनोज कुमार 3489 वोट से जीत गए हैं। 63782 वोट हासिल करने वाले बीएसपी के मनोज कुमार ने कांग्रेस की कृष्णा पूनिया को हराया। जबकि बीजेपी उम्मीदवार सुमित्रा पूनिया 58308 वोट हासिल कर पाईं और तीसरे नंबर पर रहीं। कांग्रेस की कृष्णा पूनिया जनता का विश्वास नहीं जीत पाईं और उन्हें 60293 वोट ही मिल सके।
बीएसपी यहां काफी मजबूत स्थिति में
सादुलपुर विधानसभा सीट इसलिए भी चर्चित रहती है क्योंकि यहां पर बीएसपी काफी मजबूत रहती है। 2013 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी ने सादुलपुर विधानसभा सीट से जीत भी हासिल की थी। तो वहीं 2008 में बीजेपी ने जीत हासिल की थी। लेकिन सबसे अहम बात यह है कि 2008 में बीएसपी यहां पर दूसरे नंबर पर रही थी, जबकि 2003 में बीएसपी यहां पर तीसरे नंबर पर रही थी।
2018 में जब कांग्रेस की तरफ से कृष्णा पूनिया ने जीत दर्ज की, उसे दौरान भी बीएसपी के उम्मीदवार यहां पर दूसरे नंबर पर थे और उन्होंने 50 हजार से अधिक वोट प्राप्त किया था।
सादुलपुर का जातीय समीकरण
सादुलपुर विधानसभा सीट पर 2,40,000 से अधिक मतदाता हैं और यहां पर जाट मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। लेकिन अगर जाट में बात करें तो पूनिया समुदाय के लोग यहां पर करीब 40 हजार हैं। जबकि दूसरे नंबर पर यहां पर दलित समुदाय के मतदाता हैं। यहां पर दलित वोटर करीब 45 से 50 हजार हैं। सादुलपुर विधानसभा सीट पर राजपूत वोटर 12 हजार, ब्राह्मण 10 हजार, वैश्य 10 हजार हैं। इसके अलावा खाती, नई और कालबेलिया वोटर भी यहां पर ठीक संख्या में हैं।
2018 के पहले यहां पर कांग्रेस ने 2003 में जीत दर्ज की थी। उसके बाद बीजेपी और फिर बीएसपी ने जीत दर्ज की। आजादी के बाद इस सीट पर कुल 11 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। इसमें से छह बार कांग्रेस को जीत हासिल हुई है जबकि दो बार बीजेपी को। वहीं पर एक बार इस सीट पर बीएसपी ने भी जीत हासिल की है।
बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवार पूनिया जाट
कांग्रेस ने इस सीट पर कृष्णा पूनिया पर फिर से भरोसा जताया है और उन्हें उम्मीदवार बनाया है। जबकि भाजपा की ओर से सुमित्रा पूनिया उम्मीदवार हैं। वहीं बीएसपी ने इस सीट से मनोज नयनगली को एक बार फिर से उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी ने पूनिया समाज से उम्मीदवार उतारकर पूनिया जाट मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया है।
सादुलपुर विधानसभा क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है। इस विधानसभा क्षेत्र में एक कृषि कॉलेज और कुश्ती के लिए अलग से स्टेडियम भी मौजूद है।