राजस्थान की मंडावा विधानसभा सीट पर 22 राउंड के साथ मतगणना पूरी हो गई है। इस सीट से कांग्रेस की वर्तमान विधायक रीता चौधरी एक बार फिर जीत हासिल कर ली है। रीता चौधरी ने 17509 वोट के अंतर के साथ बीजेपी के नरेंद्र कुमार को हरा दिया है। इस चुनाव में रीता चौधरी को कुल 96408 वोट मिले। वहीं भाजपा के नरेंद्र कुमार 78899 वोट के साथ नंबर दो पर रहे।
बता दें कि 2018 के चुनाव में नरेंद्र कुमार ने सीट से पहली बार बीजेपी को जीत दिलवाई थी। वहीं रीता चौधरी ने 2019 में हुए उपचुनाव में यहां से जीत दर्ज की थी।
जानिए इस सीट का इतिहास
मंडावा विधानसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। इस सीट पर कुल 11 बार चुनाव हुए हैं, जिसमें से सात बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। 2018 में इस सीट पर पहली बार बीजेपी को जीत हासिल हुई। भाजपा के टिकट पर नरेंद्र कुमार यहां से विधायक चुने गए। इसके बाद 2019 का लोकसभा चुनाव हुआ और नरेंद्र कुमार को भाजपा ने झुंझनूं लोकसभा सीट से टिकट दिया और वह लोकसभा के लिए चुने गए। इस सीट पर फिर उपचुनाव हुआ और उसमे कांग्रेस की रीता चौधरी फिर से जीत गई।
नरेंद्र कुमार इस सीट पर 2013 के बीजेपी लहर में भी निर्दलीय जीत चुके हैं। उसी को देखते हुए 2018 में उन्हें भाजपा ने पार्टी में शामिल कराया और उन्होंने यह सीट पहली बार बीजेपी की झोली में डाली। 2023 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से बीजेपी ने नरेंद्र कुमार पर भरोसा जताया है और उन्हें विधायकी का टिकट दिया है।
मंडावा से कांग्रेस उम्मीदवार रीता चौधरी के पिता रामनारायण चौधरी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके पहले वह यहां से विधायक चुने जाते थे। 2008 में यहां पर रीता चौधरी को टिकट मिला और उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की। 2013 में पार्टी ने इस विधानसभा सीट से तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष चंद्रभान को टिकट दिया तो रीता चौधरी ने बागी होकर चुनाव लड़ा। रीता चौधरी चुनाव में दूसरे नंबर पर रहीं लेकिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कि यहां पर जमानत जब्त हो गई। 2013 में निर्दलीय नरेंद्र कुमार ने जीत हासिल की थी।
क्या है मंडावा का जातीय समीकरण?
मंडावा विधानसभा सीट पर कुल 2,40,000 से अधिक मतदाता हैं। यह सीट जाट बहुल है। इस सीट पर जाटों के बाद सबसे अधिक मुस्लिम और दलित मतदाता हैं। मंडावा विधानसभा सीट पर करीब 75 हजार जाट वोटर, 40 हजार मुस्लिम वोटर, 25 हजार दलित वोटर, 20 हजार राजपूत और 15 हजार ब्राह्मण वोटर हैं।
