राजस्थान चुनाव को लेकर आज यानी कि शनिवार को 199 सीटों पर वोट पड़ने जा रहे हैं। कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला है। एक को रिवाज बदलना है तो दूसरे को उसी रिवाज के सहारे फिर सत्ता में वापस आना है। कांग्रेस को अशोक गहलोत से आस है तो बीजेपी को पीएम नरेंद्र मोदी का सहारा दिख रहा है। प्रचार जोरदार हुआ है, मुद्दों की गूंज पूरे राजस्थान में दिखी है, लेकिन अब जनादेश का वक्त है। जनता का वोट तय करने जा रहा है, किसके सिर ताज सजने जा रहा है।

चुनाव के लिए क्या तैयारी?

इस बार के चुनाव के लिए प्रशासन ने भी पूरी तैयारी कर रखी है। चुनाव आयोग ने भी तय रणनीति के तहत सारे इंतजाम पहले से कर रखे हैं। बताया जा रहा है कि वोटिंग सुबह सात बजे शुरू होगी और शाम को 6 बजे तक चलने वाली है। इस बार शहरी इलाकों में कुल 10 हजार 501 मतदान केंद्र बनाए गए हैं तो वहीं ग्रामीण इलाकों में ये संख्या 41 हजार के करीब है। 26 हजार 393 मतदान केंद्रों पर इस बार वेब कास्टिंग की व्यवस्था भी कर दी गई है।

कांग्रेस और बीजेपी ने कैसा लड़ा चुनाव?

चुनाव में चली इस बार की सियासत की बात करें तो एक बार फिर मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच में रहने वाला है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही कोई भी मुख्यमंत्री चेहरा घोषित नहीं किया है, लेकिन एक तरफ कांग्रेस के लिए गहलोत का प्रचार जोरदार रहा है तो बीजेपी की तरफ से वसुंधरा राजे का भी जमीन पर पूरा जोर दिखा है। इस बार अशोक गहलोत को अपनी सात गारंटियों पर जरूरत से ज्यादा भरोसा है तो वहीं बीजेपी भी अपने संकल्प पत्र और मोदी के चेहरे की वजह से जोश से भरी हुई है।

चुनावी मुद्दे क्या रहे?

इस बार चुनाव में बीजेपी के लिए प्रमुख मुद्दे महिला सुरक्षा, कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, लाल डायरी, पेपर लीक और तुष्टीकरण रहे हैं। वहीं कांग्रेस की बात करें तो उसे क्योंकि अपनीस सत्ता को बचाना है, ऐसे में मुद्दों से ज्यादा अपनी उपलब्धियों पर जोर दिया गया है। कांग्रेस को उम्मीद है कि जो सात गारंटी जनता के बीच में रखी गई हैं, वो गेम चेंजर साबित हो सकती हैं।

कांग्रेस की सात चुनावी गारंटी

कांग्रेस के घोषणापत्र के अनुसार फिर से सरकार बनने पर गृह लक्ष्मी योजना के तहत परिवार की महिला मुखिया को ₹10,000 का वार्षिक मानदेय दिया जायेगा। इसके अलावा 1.05 करोड़ परिवारों को ₹500 में एलपीजी सिलेंडर और गौधन गारंटी के तहत पशुपालकों से ₹2 प्रति किलो गोबर की खरीदी की जाएगी। कांग्रेस ने वादा किया है कि सरकार बनने पर सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना का कानून बनाया जायेगा। साथ ही सरकारी कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले छात्रों को लैपटॉप या टैबलेट, प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रति परिवार ₹15 लाख तक का बीमा कवर और अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा भी दी जाएगी। इसके साथ ही चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को 25 लाख से बढ़ाकर 50 लाख किया जाएगा।

बीजेपी का तगड़ा संकल्प पत्र

अब कांग्रेस के अगर बड़े ऐलान हैं, तो एक बड़े वोटर बेस ने बीजेपी के संकल्प पत्र को भी पसंद किया है। बीजेपी के संकल्प पत्र के अनुसार सरकार बनने पर पार्टी नीलाम हुई किसानों की जमीन का उचित मुआवजा देने के लिए एक मुआवजा नीति लाएगी। इसके अलावा हर जिले में महिला थाना, पुलिस स्टेशन में महिला डेस्क भी होगी। बीजेपी की सरकार बनने पर राज्य में मुख्यमंत्री फ्री स्कूटी योजना के अंतर्गत 12वीं पास करने वाली छात्राओं को स्कूटी भी दी जाएगी।

किन बड़े नेताओं की किस्मत होगी तय?

अब इन दावों और वादों के दम पर जनता को जिन प्रतिनिधियों के बीच में से किसी एक को चुनना है, वो लिस्ट भी खासा लंबी और कड़ी है। जिन प्रत्याशियों किस्मत ईवीएम में कैद होने वाली है, उसमें दोनों बीजेपी और कांग्रेस के कई दिग्गज नेता शामिल हैं। कांग्रेस की बात करें तो खुद सीएम अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटसारा, सीपी जोशी, सचिन पायलट, अशोक चांदना शामिल हैं। बीजेपी खेमे से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, सतीश पूनिया, राज्यवर्धन राठौड़, बाबा बालकनाथ शामिल हैं.