चुनाव में एक वोट जीत को हार में तब्दील कर देता है। इसकी कई मिसालें पंचायत से लेकर लोकसभा चुनाव तक देखने को मिल चुकी हैं। भाजपा और कांग्रेस के कई प्रत्याशी ऐसे भी सामने आए हैं जिनका खुद का परिवार उन्हें वोट नहीं देगा। कुछ तो ऐसे भी हैं जो खुद भी अपना वोट दूसरों को देंगे। दरअसल इसके पीछे परिजनों की नाराजगी नहीं है बल्कि उनका नाम ही उस क्षेत्र की मतदाता सूची में नहीं है जहां से वे चुनाव लड़ रहे हैं।

…ऐसे प्रत्याशियों को दोहरा नुकसान
राजस्थान विधानसभा चुनाव में ऐसे करीब एक दर्जन प्रत्याशी अब तक सामने आ चुके हैं जिनके साथ यह दुर्भाग्य जुड़ गया है। ये चुनाव कहीं ओर से लड़ रहे हैं और रहते कहीं ओर हैं। स्थानीय प्रत्याशी भी इन्हें बाहरी बताकर टिकट मांग रहे हैं। यानी दोहरा नुकसान झेलना पड़ रहा है। अकेले राजस्थान में अब तक 11 नाम सामने आ चुके हैं।

…ये हैं वो 11 प्रत्याशी
– आमेर के भाजपा प्रत्याशी सतीश पूनिया और चार परिजनों का नाम झोटवाड़ा क्षेत्र की सूची में है।
– आमेर से ही कांग्रेस प्रत्याशी प्रशांत शर्मा और तीन परिजनों का नाम सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र की सूची में है।
– आमरे से ही बीएसपी के टिकट पर लड़ रहे नवीन पिलानिया औऱ तीन परिजनों का नाम झोटवाड़ा विधानसभा की सूची में दर्ज है।
– झोटवाड़ा से भाजपा प्रत्याशी राजपाल सिंह शेखावत और उनके आठ परिजनों का नाम मालवीय नगर की सूची में है।
– हवामहल विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी महेश जोशी और उनके चार परिजनों का नाम सिविल लाइंस क्षेत्र की सूची में है।
– हवामहल से ही भाजपा के प्रत्याशी सुरेंद्र पारीक और उनके सात परिजनों का नाम किशनपोल विधानसभा की सूची में है।
– आदर्श नगर से कांग्रेस प्रत्याशी रफीक खान और उनके 10 परिजनों का नाम सिविल लाइन क्षेत्र की सूची में है।
– मालवीयनगर से कांग्रेस प्रत्याशी अर्चना शर्मा और उनके चार परिजनों का नाम विराटनगर क्षेत्र की सूची में है।
– किशनपोल से भाजपा प्रत्याशई मोहनलाल गुप्ता और उनके पांच परिजनों का नाम सिविल लाइन क्षेत्र की सूची में है।
– दूदू से कांग्रेस के प्रत्याशी रितेश बैरवा और उनके पांच परिजनों का नाम बगरू क्षेत्र की सूची में दर्ज है।
– चाकसू से कांग्रेस प्रत्याशी वेदप्रकाश सोलंकी और उनके सात परिजनों का नाम सांगानेर क्षेत्र में दर्ज है।