राजस्थान के जैसलमेर जिले में परमाणु नगरी पोकरण में एक बार फिर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला। इस विधानसभा सीट पर बीजेपी के प्रताप पुरी ने कांग्रेस के कद्दावर नेता और अशोक गहलोत के खास मंत्री सालेह मोहम्मद को 35,427 वोटों के बड़े अंतर से पछाड़ दिया है। 2018 में पोकरण सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, सलेह मोहम्मद वहां से विधायक बने थे। अभी इस समय सलेह मोहम्मद गहलोत सरकार में मंत्री भी थे।
किसे मिले कितने वोट, क्या रहा जीत का अंतर ?
पोकरण विधानसभा सीट पर जीत दर्ज करने वाले बीजेपी प्रत्याशी प्रताप पुरी को 112925 वोट मिले, दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के सालेह मोहम्मद को 77498 वोट मिले हैं। प्रताप पुरी ने कांग्रेस प्रत्याशी सालेह मोहम्मद को 35427 वोटों के बड़े अंतर से हराया है। तीसरे नंबर पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के देवी लाल रहे जिन्हें 4690 वोट मिले हैं।
बीजेपी की बात करें तो 2018 की तरह एक बार फिर उन्होंने महंत प्रताप पुरी पर अपना दांव चला है। पिछले चुनाव में उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी से मात्र 872 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। इसी वजह से दोनों कांग्रेस और बीजेपी ने फिर पुराने उम्मीदवारों को ही मैदान में उतारने का फैसला किया है। सलेह मोहम्मद की बात करें तो उनकी उम्र 46 साल है और वे लंबे समय से राजनीति में सक्रिय चल रहे हैं। उनके पिता खुद एक धर्मगुरु थे और उनके निधन के बाद वे खुद वो भूमिका अदा कर रहे हैं। वर्तमान में कांग्रेस प्रत्याशी के पास 1.5 करोड़ की संपत्ति है और 2008 से 2013 तक वे यहां से विधायक रह चुके हैं।
2013 वाले चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन पोकरण की जनता ने पिछले चुनाव में फिर उन्हीं पर भरोसा जता दिया। इसी तरह बीजेपी प्रत्याशी महंत प्रताप पुरी का ट्रैक रिकॉर्ड भी बेहतर है। वे इस समय तारातरा मठ के महंत हैं और राजस्थान की सियासत में उनकी तुलना यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी की जाती है। उनकी वजह से ही पोकरण में कई बार धार्मिक मुद्दे दूसरे स्थानीय मुद्दों पर भारी भी पड़ जाते हैं।
वैसे राजस्थान के पोकरण को कई स्थलों की वजह से भी अलग पहचान मिली हुई है। रामदेवरा, आशापूर्णा मंदिर, खींवज माता का मंदिर, कैलाश टेकरी कुछ ऐसे धार्मिक स्थल हैं जहां हर कोई जाना पसंद करता है। इसी तरह भारत की तरक्की के साथ भी पोकरण को जोड़कर देखा जाता है। भारत जो परमाणु संपन्न देश बना है, उसमें इस पोकरण की ही अहम भूमिका रही है। अब इस परमाणु नगरी में कौन सी पार्टी बाजी मारती है, ये देखना दिलचस्प रहने वाला है।