राजस्थान चुनाव कहने को दो पार्टियों के बीच का मुकाबला रहा है, लेकिन इस समय आम आदमी पार्टी भी पूरी ताकत के साथ उतरने की तैयारी कर रही है। पिछली बार आप का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था, लेकिन अब जमीन पर स्थिति कुछ बदल चुकी है। पिछले पांच सालों में आम आदमी पार्टी ने राज्य में अपने संगठन को और ज्यादा मजबूत किया है, कई समाज की अलग-अलग विंग भी बन चुकी हैं।
इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी ने राजस्थान चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की तीसरी लिस्ट भी जारी कर दी है। तीसरी लिस्ट में कुल 19 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया है। ऐसे में अब तक पार्टी द्वारा कुल 63 प्रत्याशियों को चुनौवी मैदान में मौका दे दिया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि आम आदमी पार्टी ने पहली सूची में 23 और दूसरी सूची में 21 उम्मीदवारों का ऐलान किया था। अब तीसरी लिस्ट में 19 और प्रत्याशी उतारकर पार्टी ने अपनी रणनीति एकदम स्पष्ट कर दी है।
वैसे राजस्थान में आम आदमी पार्टी इस बार दिल्ली मॉडल के दम पर जीत दर्ज करना चाहती है। असल में आम आदमी पार्टी पिछले कई सालों से तीन चीजों पर सारा फोकस कर रही है- शिक्षा, सेहत और मुफ्त वाली योजनाएं। इन तीनों का कॉम्बो ही दिल्ली मॉडल कहा जा रहा है जिसके दम पर AAP ने पंजाब में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई है।
अब ये जिस दिल्ली मॉडल का प्रचार किया जा रहा है, ये जाति धर्म से ऊपर उठकर एक ऐसे वर्ग को टारगेट कर रहा है जिसकी जरूरतें ज्यादा हैं, जिसे सही मायनों में रोटी-कपड़ा-मकान चाहिए। बड़ी बात ये भी है कि इन सभी राज्यों में जितनी भी जातियां हैं, वो तय पैटर्न के तहत या तो कांग्रेस या बीजेपी के साथ जाती हैं। इसी वजह से आम आदमी पार्टी के लिए जातियों में सेंधमारी करना उतना भी आसान नहीं रहने वाला है। ऐसे में दिल्ली मॉडल के सहारे राजस्थान में पार्टी कुछ कमाल करना चाहती है।