कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए 33 उम्मीदवारों की पहली सूची शनिवार को जारी कर दी। इस सूची में सीएम अशोक गहलोत को सरदारपुरा और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को टोंक से टिकट दिया गया है। इन दोनों नेताओं को उनके अपने ही विधानसभा क्षेत्र से ही मैदान में उतार गया है। इसके अलावा नाथद्वारा से विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, ओसियां से दिव्या मदेरणा, लछमनगढ़ से गोविंद सिंह डोटासरा, सादुलपुर से कृष्णा पूनिया को मैदान में उतार गया है।

लिस्ट में 2018 में बीएसपी से जीते विधायकों के भी नाम

शनिवार को जारी लिस्ट में कुछ वे नाम हैं जो 2018 में बसपा के टिकट पर जीतने के बाद अगले साल कांग्रेस में चले गए थे। सूत्रों ने कहा कि गहलोत इस बात के लिए प्रतिबद्ध हैं कि 2019 में कांग्रेस में शामिल होने के बाद कई राजनीतिक संकटों में उनका समर्थन करने वाले पूर्व बसपा विधायकों को समायोजित किया जाए।

राज्य की 200 सीटों के लिए 25 नवंबर को हो मतदान

बायतू से पूर्व मंत्री हरीश चौधरी और सवाई माधोपुर से दानिश अबरार को टिकट दिया गया है। कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) ने पिछले बुधवार को राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर चर्चा की थी। राजस्थान की सभी 200 विधानसभा सीट पर 25 नवंबर को मतदान होगा। मतगणना तीन दिसंबर को होगी। राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुख्य मुकाबला है।

पाला बदलने वाले छह बसपा विधायकों में से पांच कांग्रेस के टिकट के लिए मैदान में हैं। अपवाद राजेंद्र सिंह गुढ़ा हैं, जिन्होंने सबसे पहले गहलोत सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के विवरण वाली ‘लाल डायरी’ के अस्तित्व का आरोप लगाया था, जिन्होंने मंत्री रहते हुए “महिलाओं के खिलाफ अपराध” को लेकर सीएम पर हमला भी किया था। दोनों आरोपों को बीजेपी ने बड़े पैमाने पर गहलोत सरकार के खिलाफ उठाया है।

गुढ़ा को मंत्री पद से हटाने के बाद वह शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल हो गए और अब सीएम के सबसे कटु आलोचकों में से हैं। बसपा से कांग्रेस में आए शेष पांच विधायक यह देखने का इंतजार कर रहे हैं कि क्या कांग्रेस उनके संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों के लिए पार्टी के प्रतिस्पर्धी दावों के बावजूद एहसान वापस करेगी।