पंजाब में कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। पार्टी ने मोगा से अभिनेता सोनू सूद की बहन को टिकट दिया है। हालांकि ये बात इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हरजोत कमल को रास नहीं आई। अपना पत्ता कटने से बिफरे कांग्रेस के मौजूदा विधायक डा. हरजोत कमल ने बीजेपी का दामन थाम लिया।

सूत्रों का कहना है कि सोनू सूद की बहन मालविका सूद को सांसद रवनीत सिंह बिट्टू व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के भारी विरोध को दरकिनार करते हुए प्रत्याशी बनाया गया है। मालविका सूद की कांग्रेस में एंट्री के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि वह कांग्रेस की प्रत्याशी होंगी। मालविका सूद के कांग्रेस में आने के बाद से वर्तमान विधायक डा. हरजोत कमल ने कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने दूरी बना ली थी। हालांकि, कमल को मनाने के लिए मुख्यमंत्री ही नहीं बल्कि उनकी कैबिनेट ने पुरजोर कोशिशें कीं लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली।

बीते शनिवार को मालविका ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ली थी। उसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि वे मोगा से कांग्रेस की उम्मीदवार हो सकती हैं। उनके भाई सोनू सूद के राजनीति में सक्रिय होने की खबरें काफी समय से चर्चा में थीं। लेकिन फिलहाल वो खुद सक्रिय राजनीति में नहीं हैं। सोनू सूद को चुनाव आयोग ने पिछले साल पंजाब का आइकॉन बनाया था। लेकिन आचार संहिता को देख बीती 4 जनवरी को आइकन के रूप में उनकी नियुक्ति को रद्द कर दिया गया था। सोनू सूद ने कहा था कि उन्होंने अपनी इच्छा से वो पद छोड़ा है, क्योंकि उनके परिवार का सदस्य चुनाव लड़ने जा रहा है।

मालविका तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं। 38 साल की मालविका मोगा शहर में काफी समय से सामाजिक कार्य कर रही हैं। कंप्यूटर इंजीनियर मालविका मोगा में कोचिंग सेंटर चलाती हैं। उनका विवाह गौतम सच्चर से हुआ है।

माना जा रहा है कि मालविका सूद को उम्मीदवार बनाने से कांग्रेस को ना सिर्फ इसका मोगा शहरी सीट पर फायदा मिलेगा, बल्कि धर्मकोट, निहालसिंह वाला सीटों पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है। सोनू की समाजसेवी की छवि को इसकी वजह माना जा रहा है। मालविका खुद भी सामाजिक सेवाओं में सक्र‍िय हैं।