पीएम नरेंद्र मोदी का काफिला बुधवार को पंजाब के हुसैनीवाला राष्ट्रीय शहीद स्मारक से करीब 30 किमी दूर फिरोजपुर के रास्ते में एक फ्लाईओवर पर करीब 15-20 मिनट तक फंसा रहा था। वहां पर प्रदर्शनकारियों ने आगे का रास्ता ब्लॉक कर रखा था। इसको लेकर गृह मंत्रालय ने 13 अफसरों को तलब किया है। वहीं, रक्षा विशेषज्ञ शैलेन्द्र सिंह ने बताया इस तरह 20 मिनट सड़क पर रुके रहने के दौरान पीएम मोदी के काफिले के साथ क्या अनहोनी हो सकती थी।
न्यूज18 के डिबेट शो ‘डंके की चोट पर’ के दौरान रक्षा विशेषज्ञ शैलेन्द्र सिंह ने कहा, ”पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को राजनीतिक दल बोलें कि ये ड्रामा था, ये तो अकल्पनीय है। इसको लेकर राजनीतिक दलों और उनके प्रवक्ताओं को थोड़ी गंभीरता दिखानी चाहिए।”
शैलेन्द्र सिंह ने आगे कहा, ”हम उस अनहोनी के बारे में बात करते हैं कि उस वक्त क्या हो सकता था। जनरल सुलेमानी को ढूंढते-ढूंढते आखिर एक दिन अमेरिका ने मार दिया। चाइना और पाकिस्तान का जो सबसे बड़ा टारगेट है वह हैं भारत के प्रधानमंत्री, मोदी उनके दुश्मन नंबर वन हैं।”
सिंह ने कहा, ”उनके ऑपरेशन रूम में, कंट्रोल रूम में रणनीति बनती होगी, मौके ढूंढे जाते होंगे, कि किसी तरह हम इन्हें ‘गिरा’ दें और इसका सबसे बढ़िया जरिया है पंजाब क्योंकि इसका इल्जाम आईएसआई पर नहीं जाएगा, सीधे खालिस्तान (एंगल) पर इसका इल्जाम चला जाएगा। जबकि पंजाब इस खालिस्तान एंगल को काफी पीछे छोड़ चुका है।”
शैलेंद्र सिंह ने कहा, ”अगर सरहद से 10-20 किमी पर हों वह (पीएम), तो हो सकता है कि पाकिस्तान के मोर्टार वहां तक न पहुंचे, लेकिन मिसाइल हमला हो सकता है या ड्रोन हमला हो सकता है। क्योंकि एक रुका हुआ काफिला बेहद आसान टारगेट होता है। ऐसे मौके पर पाकिस्तान खुश हो सकता है क्योंकि वह ऐसे मौके ढूंढ रहा है।”
बता दें कि पीएम मोदी बुधवार को फिरोजपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करने जा रहे थे। लेकिन सुरक्षा में चूक के बाद वह आगे नहीं जा सके और वापस बठिंडा एयरपोर्ट आ गए थे। इसके बाद से इस मामले को लेकर देश में सियासत गरमाई हुई है।
