पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा ऐक्शन लिया है। गृह मंत्रालय ने 5 जिलों के एसपी समेत 13 अधिकारियों को तलब किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र के तीन अधिकारियों ने इन 13 अफसरों को तलब किया है।

न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले में पंजाब के डीजीपी, आईजी और एपी स्तर के अधिकारियों को तलब किया गया है। मोगा, मुक्तसर साहिब, फरीदकोट और तरन तारन जिले के एसपी को भी तलब किया गया है। जानकारी के मुताबिक, 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में पंजाब के डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को भी तलब किया गया है।

प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के मामले में जांच के लिए गृह मंत्रालय की टीम शुक्रवार को पंजाब के फिरोजपुर पहुंची है। टीम उस स्थान पर भी गई, जहां पीएम मोदी का काफिला करीब 15-20 मिनट तक रुका हुआ था। दिल्ली से गई टीम ने फिरोजपुर के एसएसपी और और डीआईजी को पूछताछ के लिए बुलाया।

गृह मंत्रालय की टीम पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले में अधिक से अधिक जानकारी जुटाना चाहती है और इसी सिलसिले में टीम ने उस स्थान का दौरा भी किया जहां पीएम मोदी का करीब 20 मिनट तक काफिला फंसा रहा था। टीम ने सभी अधिकारियों से पूरी जानकारी मांगी है। हालांकि, इसके लिए उनको कितना समय दिया है, इसकी जानकारी अभी नहीं मिल पाई है।

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के कारण फिरोजपुर में होने वाली उनकी रैली रद्द होने के बाद सियासत गरमाई हुई है। इसको लेकर भाजपा लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रही है। दूसरी तरफ, पूरे मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद मनीष तिवारी की राय राज्य सरकार से अलग है।

न्यूज18 से बात करते हुए मनीष तिवारी ने कहा, ”जहां तक पीएम की सुरक्षा का सवाल है, ये मामला अलग होता है। जहां पर पीएम मोदी का काफिला रुका था, वह भारत की सरहद से केवल 10 किमी दूर है। भारत-पाकिस्तान सीमा पर पाकिस्तान की जो ऑर्टिलरी तैनात है उसकी रेंज 35-36 किलोमीटर से ज्यादा है। ऐसे में देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा की तुलना किसी और से करना मैं अपने विवेक में उचित नहीं मानता हूं।’