पंजाब में सीएम पद के लिए उम्मीदवार घोषित करके राहुल गांधी एक पड़ाव तो पार कर गए हैं। अटकलें थी कि जैसे ही नामों की घोषणा होगी, पंजाब कांग्रेस में बगावत हो सकती है, लेकिन जिस तरह से राहुल ने कांग्रेस के कलह को संभालते हुए आसानी से नाम की घोषणा कर दी, उसे काबिले-तारीफ कहा ही जा सकता है।
बताया जा रहा है कि राहुल गांधी अपने दौरे से पहले तक सीएम फेस के नाम को सीएम चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू दोनों से सीक्रेट रखा था। अपने पंजाब दौरे के दौरान उन्होंने सभी प्रमुख नेताओं से पहले बात की, जिसमें सीएम चन्नी और सिद्धू दोनों शामिल थे।
सीएम की घोषणा से पहले राहुल गांधी, सिद्धू जैसे आक्रमक और बगावती नेता को कैसे समझा पाए ये तो वही जानें, लेकिन जिस तरह से ऐलान के समय सिद्धू ने भाषण दिया, चन्नी के गले मिले, चन्नी ने पैर छुए, वो ये दिखाने के लिए काफी था कि सिद्धू इस फैसले पर राहुल गांधी के साथ जाने का मन बना चुके थे।
राहुल गांधी जब लुधियाना में रैली को संबोधित करने पहुंचे तो वो जिस गाड़ी में थे, उसे सुनील जाखड़ ड्राइव कर रहे थे, बगल में राहुल बैठे थे और पिछली सीट पर सिद्धू और चन्नी थे। जानकार बताते हैं कि पंजाब में सीएम पद की घोषणा से पहले लगभग सभी नेता तनाव में थे। चन्नी ने सबसे पहले राहुल गांधी को बताया कि सीएम बनने के बाद उन्होंने राज्य में क्या काम किए है, इसके बाद सिद्धू जब मिले तो उन्होंने ये बताया कि क्या किया जाना बाकी है।
सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी जानना चाहते थे कि आम आदमी पार्टी पंजाब में कैसे आगे बढ़ रही है। इसमें जाखड़ उनके काम आए और उन्होंने स्पष्टता से सारी जानकारी दी। जाखड़ ने राहुल को पहले ही कह दिया था कि उनकी शिकायतों का समाधान बाद में किया जा सकता है, पहले पार्टी की जीत पर ध्यान देना जरूरी है। राहुल गांधी ने कथित तौर पर कई नाखुश विधायकों से उनकी समस्याओं को सुनने के लिए मुलाकात की और उन्हें समाधान का आश्वासन भी दिया।
सूत्रों की मानें चन्नी और सिद्धू दोनों इस बात से अनजान थे कि सीएम फेस कौन होगा? हालांकि कहा जाता है कि सिद्धू अधिक आश्वस्त थे। कहा जाता है कि कार्यक्रम स्थल के लिए रवाना होने से पहले राहुल गांधी ने एक ही संकेत दिया था कि वह लोगों की राय पर फैसला लेने जा रहे हैं ना कि अपने मन से। अंतिम क्षण तक, किसी को भी अंतिम चयन के बारे में पता नहीं था।
रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी यहां भी बैलेंस बनाते दिखे। चन्नी के नाम की घोषणा करने से पहले राहुल ने अपने और सिद्धू के बारे में खूब बातें कीं। बचपन की यादें भी शेयर की। तब जाकर चन्नी के बारे में बात की और उनके नाम पर मुहर लगी।