भाजपा के साथ सीटों के बंटवारे पर बनी सहमति में उसकी ओर से 37 सीटें दिए जाने के उपरांत पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नीत नवगठित पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) अब अधिकतर ग्रामीण सीटों पर लेकिन कुछ शहरी सीटों पर भी अपने प्रत्याशियों के साथ किस्मत आजमाती नजर आने वाली है।

भाजपा, जो पहले शिअद के साथ गठबंधन में 23 सीटों पर चुनाव लड़ती आई थी, उनमें से कैप्टन ने अब एक भी सीट उसे लड़ने के लिए नहीं दी। यानी मुख्यरूप से भाजपा शहरी सीटों पर अपने ही बूते पर चुनाव लड़ना चाहती है। कैप्टन की पीएलसी अमृतसर (दक्षिण), राजा सांसी, नवांशहर, बठिंडा अर्बन, लुधियाना (दक्षिण), लुधियाना (पूर्व), आत्मनगर, पटियाला (शहरी), समाना और मलेरकोटला जैसी शहरी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

दूसरी ओर, मालवा की 26 सीटों में से बड़ा हिस्सा पीएलसी की झोली में आया है, जिनमें बुढलाडा, मानसा, रामपुराफूल, बठिंडा (शहरी), बठिंडा (ग्रामीण), धर्मकोट, निहाल सिंहवाला, दाखा,लुधियाना (दक्षिण), आत्मनगर, लुधियाना पूर्व, पटियाला, सनौर, समाना, शुतराणा, पटियाला (ग्रामीण), भदौर, अमरगढ़, फिरोजपुर (ग्रामीण), जीरा, कोटकपूरा, बस्सी पठाना, खरड़, गिद्दड़बाहा, मलोट और मलेरकोटला शामिल हैं। इनमें से अधिकतर सीटें मुख्यरूप से ग्रामीण हलके ही हैं। केवल बठिंडा (शहरी), लुधियाना और आत्मनगर, पटियाला, समाना को छोड़कर। अमरिंदर सिंह का गढ़ पटियाला भी मालवा में ही आता है।

यहां तक कि भाजपा ने संसदीय हलके पटियाला की 9 सीटों में से सभी सहयोगी दल पीएलसी के लिए नहीं छोड़ी हैं, जबकि कैप्टन की पत्नी वहां से सांसद हैं। पटियाला में अमरिंदर सिंह ने इनमें से केवल पांच सीटें ही भाजपा को दी हैं, जिनमें पटियाला (शहरी) और ग्रामीण सीटें, सनौर, समाना और शुतराणा शामिल हैं।

भाजपा हमेशा से ही पटियाला के हलका राजपुरा से चुनाव लड़ा है। लेकिन अब उसने अमरिंदर की पार्टी के लिए राम पुराफूल सीट खाली कर दी है क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री वहां के गांव मेहराज से संबंध रखते हैं। भाजपा ने अमृतसर में तीनों सीटें अमरिंदर के लिए छोड़ी हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वह वहां के पूर्व सांसद हैं और पहले दिग्गज भाजपा नेता अरुण जेटली तक को एक लाख से भी अधिक वोटों के बड़े अंतर से हरा चुके हैं। पीएलसी को माझा में राजा सांसी, अमृतसर (दक्षिण), जंडियाला, अजनाला, खडूर साहिब, पट्टी, फतेहगढ़ चूड़ियां सहित 7 सीटें मिली हैं।