पंजाब में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। एक तरफ दिल्ली के सीएम केजरीवाल, पंजाब में जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं तो वहीं जलांधर में आप की पूरी यूनिट ने इस्तीफा दे दिया है। चुनाव से पहले ऐसा लग रहा है जैसे आप में सबकुछ ठीक नहीं है।

जलांधर के दो विधानसभा क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी के कुल 65 पदाधिकारियों ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इन नेताओं ने दावा किया है कि वो पंजाब में तानाशाही और स्थानीय नेताओं को वैल्यू नहीं मिलने के कारण इस्तीफा देने को मजबूर हैं। इस्तीफा देने वालों में वार्ड अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष, प्रखंड अध्यक्ष, समन्वयक और अन्य नेता-कार्यकर्ता शामिल हैं।

आप के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ शिव दयाल माली ने इस पर जानकारी देते हुए कहा कि जालंधर पश्चिम से 28 और जालंधर सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र के 37 पदाधिकारियों ने अपना इस्तीफा पार्टी नेतृत्व को सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि पूरी राज्य इकाई दिल्ली से नियंत्रित हो रही है और स्थानीय नेताओं को आजादी नहीं है। उन्होंने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव में चुने गए आप के अधिकांश विधायक दिल्ली के नेताओं की तानाशाही के कारण पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं।

जलांधर में टिकट वितरण के बाद से ही आप को अपने ही घर में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। आप पंजाब प्रभारी राघव चड्ढा को यहां काला झंडा तक दिखाया गया था। तब आप के पूर्व जिला प्रमुख शिव दयाल माली अपने समर्थकों और डॉ संजीव शर्मा के सहयोगियों के साथ स्थानीय प्रेस क्लब पहुंचे थे, जहां चड्ढा को कांग्रेस नेता दिनेश ढल और अन्य को पार्टी में शामिल करना था। चड्ढा के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर प्रदर्शनकारियों ने उन्हें काले झंडे दिखाए और सामने के गेट को अवरुद्ध कर दिया, जिसके बाद आप नेता को पीछे के गेट से क्लब में प्रवेश करना पड़ा था।

पार्टी में लंबे समय से रहे माली को यहां टिकट नहीं मिला, उनकी जगह पूर्व भाजपा नेता शीतल अंगराल को पार्टी ने जलांधर पश्चिम से टिकट दे दिया, जो कुछ दिन पहले ही आप में आए थे। इसी तरह, डॉ संजीव शर्मा, जिन्होंने जालंधर सेंट्रल से 2017 का चुनाव लड़ा और पिछले पांच वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रहे थे, को टिकट देने से मना कर दिया गया। जिसके बाद से आप को जलांधर में लगातार विरोध का सामना करना पड़ रहा है।