उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सक्रिय हो गई हैं। चुनावों के ऐलान से पहले यह चर्चा भी थी कि रणनीतिकार प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं और वह यूपी चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे। हालांकि समय के साथ यह चर्चा में गुम हो गई और कांग्रेस-पीके के बीच बात बन नहीं पाई। यह बात प्रियंका गांधी ने भी स्वीकार की और कहा कि ‘यह संभव नहीं हो पाया।’
एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में प्रियंका गांधी ने कहा कई कारणों से यह पार्टनरशिप शुरू नहीं हो पाई। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि कई वजहों से यह संभव नहीं हो सका। मैं इसके डीटेल में नहीं जाना चाहती। कई ऐसे मामले थे जिनपर सहमति नहीं बन पाई इसीलिए चर्चा भी आगे नहीं बढ़ पाई।’ प्रियंका गांधी ने कहा कि कांग्रेस में किसी बाहरी की एंट्री को लेकर कोई विवाद नहीं था।
बता दें कि प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के बड़े नेताओं से कई बार मुलाकात की। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ भी उनकी बैठकें हुई थीं। बताया जा रहा था कि उनकी कांग्रेस में एंट्री पक्की हो गई है लेकिन बात बन नहीं पाई। प्रशांत किशोर ने सार्वजनिक रूप से राहुल गांधी की आलोचना भी की। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को लीड करने के लिए कोई सही आदमी चाहिए क्योंकि पिछले 10 साल में कांग्रेस 90 फीसदी चुनाव हार गई है।
प्रशांत किशोर ने कहा था कि कांग्रेस 2024 के आम चुनाव से पहले विपक्ष को संगठित करने में बड़ी भूमिका निभा सकती है लेकिन इसके लिए लीडरशिप में बदलाव की जरूरत है। बता दें कि साल 2017 में प्रशांत किशोर ने सपा औऱ कांग्रेस के गठबंधन के लिए काम किया था लेकिन उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी थी। भाजपा ने जबरदस्त सीटें जीतते हुए सरकार बनाई थी। हालांकि बाद में पंजाब में प्रशांत किशोर की मदद से कांग्रेस ने जीत हासिल की थी।