उत्तर प्रदेश के मेरठ से पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए पीएम ने अपनी रैली का आगाज मेरठ से किया। रैली में एक तरफ जहां पीएम मोदी ने विपक्ष पर जोरदार हमला किया तो वहीं दूसरी ओर अपनी सरकार की सफलताएं गिनाईं। पीएम मोदी ने कहा- इस चौकीदार ने कहा था कि सबको हिसाब दूंगा और सबका हिसाब लूंगा। गौरतलब है कि मेरठ के बाद पीएम की दूसरी रैली उत्तराखंड के रुद्रपुर में और तीसरी रैली जम्मू के अखनूर ब्रिज के पास होगी। ऐसे में पढ़ें पीएम मोदी का पूरा भाषण…

जानें क्यों चुना पीएम मोदी ने मेरठ: 2019 के चुनाव अभियान की शुरुआत मेरठ से शुरू करने के पीछे एक वजह है। 2019 का चुनाव हर देशवासी की आकांक्षा मजबूत भारत के सपने से जुड़ा चुनाव है। वही सपना वही आकांक्षा, जिसे दिल में लिए 1857 में इसी मेरठ क्षेत्र में आजादी के आंदोलन का पहला बिगुल फूंका गया था। सुकमा के नक्सली हमले में शहीद शोभित शर्मा और पुलवामा हमले में शहीद अजय कुमार जी को मैं अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

हिसाब होगा, सबका होगा, बारीबारी से होगा: हम सब के आदरणीय चौधरी चरण सिंह को भी मैं नमन करता हूं. चौधरी चरण सिंह जी देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन सपूतों में से हैं जिन्होंने देश की राजनीति को खेत खलिहान और किसान पर ध्यान देने के लिए मजबूर किया। पांच वर्ष पहले जब मैंने आप सभी से आशीर्वाद मांगा था तो आप सभी ने भरपूर प्यार दिया था, मैंने कहा था कि आपके प्यार को ब्याज सहित लौटाउंगा और मैंने ये भी कहा था जो काम किया है जो काम किया है उसका हिसाब भी दूंगा। और हां, अपना हिसाब दूंगा साथ साथ दूसरों का हिसाब भी लूंगा। ये दोनों काम साथ साथ चलने वाले हैं। तभी तो होगा हिसाब बराबर. आप तो जानते हैं कि मैं चौकीदार हूं और चौकीदार कभी नाइंसाफी नहीं करता है।

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विपक्ष पर हमला- आप क्यों नाकाम रहे? एनडीए का काम तो रखूंगा ही और विरोधियों से पूछूंगा कि जब आप सरकार में थे तो नाकाम क्यों रहे, क्यों देश का भरोसा तोड़ा। एक तरफ विकास का ठोस आधार है, तो दूसरी तरफ न नीति है न विचार है और ना ही कहीं नीयत नजर आती है। एक तऱफ फैसले लेने वाली सरकार है तो दूसरी तरफ फैसले टालने वाला इतिहास मौजूद है।

एक तरफ चौकीदार, एक तरफ दागदार: वंशवाद और भ्रष्टाचार का बोलबाला है, एक तरफ दमदार चौकीदार है दूसरी तरफ दागदारों की भरमार है। साथियों, हमारा विजन नए भारत का है ऐसे भारत का जो अपने गौरवशाली अतीत के अनुरुप ही वैभवशाली होगा। एक ऐसा भारत जिसकी नई पहचान होगी, जहां सुरक्षा समृद्धि और सम्मान के संस्कार होंगे। सुरक्षा देश के दुश्मनों से, सुरक्षा आतंकवाद से, सुरक्षा भ्रष्टाचार से, सुरक्षा बीमारी से, समृद्धि- ज्ञान, विज्ञान, आचार-व्यवहार की, सम्मान श्रम का, सम्मान काम का, सम्मान बेटियों का, सम्मान देश के मान का अभिमान का। इस देश में सिर्फ नारे लगाने वाली सरकारें बहुत देखीं हैं लेकिन पहली बार एक ऐसी निर्णायक सरकार भी देख रहा है जो अपने संकल्प को सिद्ध करना जानती है।

सर्जिकल स्ट्राइक का किया जिक्र: जमीन, आसमान या फिर अंतरिक्ष आपके इस चौकीदार की सरकार ने हर जगह सर्जिकल स्ट्राइक का साहस दिखाया है। चार दशक से, 40 साल से हमारे सैनिक वन रैंक वन पेंशन मांग रहे थे, उसे पूरा करने का काम भी इसी चौकीदार ने किया है। देश के करीब 12 करोड़ किसान परिवारों को 75 हजार करोड़ की सीधी मदद देने का काम भी चौकीदार ने किया।

राहुल की योजना पर पलटवार: 50 करोड़ गरीब परिवारों को हर वर्ष 5 लाख तक मुफ्त इलाज की व्यवस्था भी हमारी सरकार ने की है। जनधन योजना के तहत बैंक खाते भी हमारी सरकार ने खुलवाए। जब मैं बैंक खाते खुलवाता तो ये विद्धान लोग भाषण देते थे, देश में बैंक ही नहीं है गांव का आदमी वही कह रहे हैं। आज वही कह रहे हैं कि जो लोग गरीबों का खाता 70 साल में खुलवा सके वे कहते हैं कि वे खाते में पैसा डालेंगे. कोई भरोसा करेगा।

गरीब परिवारों को हमने पक्का घर दिया: डेढ़ करोड़ से गरीब परिवारों को पक्का घर हमारी सरकार ने दिया है। पहली बार ढाई करोड़ परिवारों को बिजली देने का वादा पूरा किया। मुझे विश्वास है कि जब ये खबर आपने सुनी होगी आपका सीना चौड़ा हो गया होगा। सामान्य वर्ग के गरीबों को दस प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला हमने लिया। 5 लाख तक कर योग्य आय पर टैक्स जीरो करने का रिकॉर्ड भी हमी ने बनाया है। साथियों, समाज का ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है, देश का ऐसा रकोई कोना नहीं है जो विकास के हमारे कामों से अछूत रहा हो, सबका साथ सबका विकास के लिए हमारी यही सोच है जिस पर नए भारत का निर्माण हो रहा है।

कमल का बटन दबाएगा युवा: 11 अप्रैल को, जब देश पहला वोट डालेगा, जब पहली बार वोट डालने वाला युवा बूथ में जाएगा तो वह ईवीएम पर कमल के निशान पर उंगली दबाने से पहले विकास की इस तस्वीर को लेकर जाने वाला है। जो हासिल किया है 2014 से पहले के भारत से जब तुलना करेंगे तो स्थिति साफ हो जाएगी।

विपक्ष के गठबंधन को महामिलावट कहकर किया हमला: उन पुराने दिनों को याद कीजिए, और बताइए इन महान मिलावटी लोगों की सरकार जब दिल्ली में थी तब दिल्ली में आए दिन बम धमाके होते थे या नहीं? आतंकियों को संरक्षण देते थे, आतंकियों को जात पहचान देखते थे, उस आधार पर तय करते थे कि आतंकियों को बचाना है या सजा देनी है। बताइए ऐसा होता था कि नहीं? मुझे बताया गया है कि यहां जो मेऱठ में विरोधी दलों के जो उम्मीदवार हैं उन्होंने आतंकियों के लिए करोड़ों रुपए का ऐलान कर दिया था। सोचिए, महा मिलावट किए ये लोग किस हद तक जा सकते हैं। ये महा मिलावटी लोग भष्टाचारियों के साथ हैं। बेटियों को इंसाफ मिलता था क्या? इनकी सरकार में गुंडे और बदमाश बेलगाम थे या नहीं?

योगी सरकार से डरे हैं गुंडे बदमाश: जब से योगी जी की सरकार आई है तब से गुंडों और बदमाशों में डर है, भय है। बेटियों के साथ अत्याचार करने वाले आज सौ बार सोचते हैं, क्योंकि आज आपके इस चौकीदार ने ऐसे लोगों को फांसी तक का प्रावधान कर लिया है। ये बातें इसलिए बता रहा हूं क्योंकि हम सभी मिलकर बीते पांच सालों में भारत को जिस स्थिति से निकालकर लाएं है इसे और मजबूत करना है।

महामिलावटी लोगों को मौका नहीं देना है: अगर इन महा मिलावटी लोगों को जरा भी मौका मिल गया ये देश पुरानी स्थिति जाने में जरा भी देर नहीं लगने वाली। ये कितने बेचैन हैं, ये कितने बौखलाएं हैं, ये दो महीने से देश साफ साफ देख रहा है। जो लोग कुछ दिन पहले तक इस चौकीदार को चुनौती देते थे वे अब रोते फिर रहे हैं। मोदी ने ये क्यों किया? मोदी ने वो क्यों किया? ये मोदी ने पाकिस्तान में आतंकियों को घर में घुसकर क्यों मारा? ये मोदी ने आतंकियों के अड्डों को क्यों नष्ट किया? रो रहे हैं।

ये सबूत मांग रहे हैं: साथियों, एक गंभीर बात की ओर आपका ध्यान दिलाना चाहता हूं ये सारे महा मिलावटी लोग आज कौन पाकिस्तान में ज्यादा पापुलर होगा और कौन पाकिस्तान में हीरो बनेगा इसकी प्रतियोगिता में लग गए हैं. वहां मीडिया में छाए हुए हैं। देश को हिंदुस्तान के हीरो चाहिए या पाकिस्तान के? वे सबूत मांग रहे हैं, मेरे देश के सपूत यही मेरे देश का सबसे बड़ा सबूत है। जो सबूत मांगते हैं वो सपूत को ललकारते हैं।

26 फऱवरी के ऑपरेशन में गड़बड़ होती तो क्या होता? 26 फरवरी की वो तारीख जिसके बारे में सोचकर भी आतंक के सरपस्तों की रूह कांप रही है, 26 फरवरी को हमारे देश के वीर सैनिकों ने पराक्रम किया अगर उसमे थोड़ी से गड़बड़ हो जाती तो क्या होता? थोड़ा ऊपर नीचे हो जाता ये लोग मेरे साथ क्या करते? पुतले जलाते, इस्तीफा देते, गालियां देते, काले झंडे निकालते, ये कोई चुप नहीं बैठते और अगर ऐसा होता तो सारा दोष किसको देते, मोदी को ही देते ना. भाइयों और बहनों,आप आश्वस्त रहिए, मैं देश के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगाने के लिए तैयार करने वाला व्यक्ति हूं।

चौकीदार को कोई डिगा नहीं पाएगा: कोई भी राजनीतिक दबाव, कोई भी अंतरराष्ट्रीय आपके इस चौकीदार को डिगा पाएगा, ना ही कोई डरा पाएगा। मैं किसी तरह का बोझ नहीं लेकर चलता। बोझ रखूं भी, मेरे पास अपना है भी क्या जो कुछ भी है देश का दिया हुआ है। जो देश ने दिया, जितना दिया है वो बहुत कुछ है । चिंता तो उनकी होती है जो कुछ खोने से डरता है जिसको वंश और विरासत के बारे में सोचना है। नीयत में खोट उसके आती है जो अपने परिवार के हित के बारे में सोचता है।

अंतरिक्ष में देश के उपलब्धि को नजरदांज किया: साथियों, अगर कोई थियेटर में नाटक देखने जाता है तो वहां क्या सुनाई देता है. वहां क्या सुनाई देता है, सेट तैयार है, सेट लगा दो। सेट की सजावट, वहां कॉमन होता है। कुछ बुद्धिमान लोग ऐसे हैं तो कन्फ्यूज हो गए समझे कि मैं थियेटर की सेट की बात कर रहा हूं, ऐसे बुद्धिमान पर रोएं या हंसे। जिनको थियेटर का सेट और एंटी-सैट की समझ तक नहीं है।

महागठबंधन पर निशाना: अब सोचिए, जिस पार्टी के नेताओं को जेल भेजने के लिए बहनजी ने जीवन के दो दशक लगा दिए अब उसी से हाथ मिला लिया, जिस दल के नेता बहनजी को गेस्टहाउस में भी खत्म कर देना चाहते थे अब वे साथी बन गए। यूपी में तो सबकुछ इतनी जल्दी हो रहा है कि पूछिए मत। पिछले चुनाव में दो लड़कों का खेल देखा, ये दो लड़कों से बुआ-बबुआ तक पहुंचने में जो तेजी दिखाई गई है बड़ी गजब है। इन लोगों के लिए सत्ता से बढ़कर कुछ भी नहीं है, यूपी को लूटो, बारी बारी का नारा बना रखा था। इसी नारे पर ये लोग सालों तक चलते रहे। 2014 और 2017 में यूपी के लोग इन्हे दिखा चुके हैं कि यूपी को जातियों में बांटने की कोशिश अब सफल नहीं होगी। सब जान गए हैं कि जब देश बचेगा तो ही समाज बचेंगे।

2019 में चुनाव और शानदार होने वाला है: बोर्ड बदलने से दुकानें नहीं बदलती। इनकी राजनीति महत्वाकांक्षा का दुष्परिणाम आपको सहने पड़े। सपा के शासन काल में हुए दंगों का दंश आप लोग झेल रहे। लोग अपना घर छोड़कर भागे थे। गुंडाराज किस तरह से कायम था। ये वही लोग हैं, जो तीन तलाक के खिलाफ कानून का विरोध करते थे। तीन तलाक की वजह से महिलाओं की हत्या नहीं होती, बच तो जाती हैं, क्या दिमाग है इन लोगों का।  पिछले चुनाव में ऐसे ही लोगों के दबाव में मुस्लिम महिलाओं को वोट देने के लिए आगे नहीं निकलने दिया गया था।

इन्होंने यूपी के नौजवानों के भविष्य को ठगा है: कैसे इन्होंने यूपी के नौजवानों के भविष्य को ठगा है। अब जो भर्तियां हो रही हैं उससे पश्चिमी यूपी के साथियों को लाभ हो रहा है। बसपा के शासन में चीनी मीलों को कारोबारियों को बेच दिया गया था, सपा के शासन में गन्ना किसानों को पैसा पाने के लिए अपमानित होना पड़ता था। सपा कि सरकार ने 35 हजार करोड़ कर्ज योगी जी के लिए छोड़ दिया था, इसका भुगतान हो चुका था।  गन्ना किसान एक साल गन्ना बेचता था और भुगतान कभी एक साल बाद तो कभी दो साल बाद मिलता था। गन्ना किसानों का बकाया और मैं भरोसा दिलाता हूं आपकी एक एक पाई दिलाई जाएगी और बहुत जल्द दिलाई जाएगी। देश का किसान हमारे लिए अन्नदाता है.. लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने की मांग को हमने पूरा किया।

मेरठ में बनेगा दिल्ली जैसा मेट्रो सिस्टम: मेरठ दिल्ली के बीच मेट्रो ट्रेन जैसा सिस्टम बन जाएगा। यहां से दिल्ली की दूरी करीब एक घंटा ही रह जाएगी। मेरठ से प्रयागराज तक हाईवे बन रहा है। मेरठ को एयरवे कनेक्टिविटी के लिए लाया जा रहा है। उड़ान योजना काम कर रही है। यहां की स्पोर्ट इंडस्ट्री को मजबूत कर रहे हैं, पहले की सरकारों की नीयत ठीक नहीं होती

सपा-बसपा और कांग्रेस पर हमला: बहन जी ने कभी चिट्ठी लिखी होती तो मुझे खुशी होती। अगर अखिलेश जी ने गरीबों के घर, गैस का सिलेंडर का मुद्दा उठाया होता तो खुशी होती। चौधरी अजीत सिंह कभी किसानों की समस्या लेकर आते तो मैं चर्चा करता। आज चौधरी चरण सिंह कितने दुखी होते होंगे। कांग्रेस की किसान नेताओं से विशेष दुश्मनी रही है। चौधरी साहब को जेल में डाल दिया गया था, पीएम पद से हटाया था। दीनबंधु छोटूराम के साथ भी किसान ने यही किया था। कांग्रेस ने इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया था।

सिर्फ गरीबी हटाने की बात कही, हटाई नहीं: जब मैं  8-10 साल का था तो सुनाता कि सरकार गरीबी हटाने की बात रही। 20 साल का था तो भी इंदिरा जी गरीबी हटाने की बात करती थीं। चार पीढ़ी बाद वो आगे बढ़ते गए लेकिन गरीबी घटी नहीं बल्कि बढ़ती गई। और वक्त के साथ ही गरीब और गरीब होता गया।

आपका हर वोट सीधे मोदी के पास पहुंचेगा: आपका एक एक वोट, वो सीधा मोदी के पास पहुंचने वाला है। यहां पर महा मिलावट में भी कौन ज्यादा मिलावट करता है इस पर भी स्पर्धा है. एक तरफ, सपा-बसपा-आरएलडी है, सपा का सरब- मतलब शराब। यूपी की अच्छी सेहत के लिए शराब से बचना चाहिए या नहीं?  ये शराब आपको बर्बाद कर देगी।

 

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