कांग्रेस के कद्दावर नेता और यूपी के रामपुर खास से लगातार नौ बार विधायक रह चुके प्रमोद तिवारी का जलवा इस बार के विधानसभा चुनाव में भी कायम रहा है। पिछले दो बार से इस सीट से जीत रही प्रमोद तिवारी की बेटी आराधना मिश्रा ने इस बार फिर से यह सीट जीत ली है। कहा जाता है कि इस सीट पर प्रमोद तिवारी अजेय हैं, पहले पिता विधायक बनते रहे, और फिर अब उनकी बेटी आराधना इस विरासत को आगे बढ़ा रही हैं।
बेटी की जीत के बाद एक टीवी चैनल के साथ इंटरव्यू में प्रमोद तिवारी ने कहा कि वो नाम नहीं लेना चाहते हैं, लेकिन एक दो लोग थे, जिनके लिए राजनीति में उन्होंने जान लगा थी, लेकिन बाद में वही लोग उन्हें राय देने लगे।
आजतक से बात करते हुए अपनी बेटी आराधना मिश्रा की जीत को लेकर उन्होंने कहा- ” उनकी बेटी की मेहनत है ये जीत, अगर मैं कुछ कहता हूं तो इसे लगता है कि उनका अनुभव है और वो सोच समझ करके ही कह रहे हैं, तो फिर उसको अच्छे से पालन करती है। वरना तो मैं बहुत से लोगों को कोशिश करता हूं कि भई आओ राजनीत में…नाम नहीं लेता, पर एक दो लोग थे, जिनके लिए जान लगा दी, पर वो मुझे ही राय देने लगे। तो वो नहीं चलता है”।
प्रमोद तिवारी ने आगे कहा कि उनकी बेटी सच्चाई समझती है, वो पांचों साल जनता के हर सुख-दुख में साथ रहती हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सोनिया गांधी का उनपर विश्वास था, उसी तरह से यहां उनकी बेटी पर प्रियंका गांधी को विश्वास है और वो आराधना को काफी मानती हैं।
बता दें कि इस सीट से प्रमोद तिवारी 1980 से पहली बार जीते थे, तब से वो इस सीट पर कब्जा किए हुए हैं। मोदी लहर के दौरान भाजपा ने 2014 में इन्हें तब घेरने की कोशिश की, जब इन्होंने इस उपचुनाव में अपनी बेटी को ये सीट दे दी, लेकिन बीजेपी कामयाब नहीं रही और आराधना पहली बार जीत कर विधानसभा पहुंचीं। तब से आराधना ही इस सीट से विधायक हैं।