कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा एक वर्ष के अंतराल पर हुई थी। इसका उद्देश्य मतदाताओं तक पहुंचने और राहुल गांधी की छवि बनाने की कवायद के तौर पर तैयार किया गया था। दोनों यात्राओं के रास्ते में पड़ने वाले संसदीय क्षेत्रों में कांग्रेस और उसके मौजूदा इंडिया ब्लॉक सहयोगियों ने 41 सीटें जीती हैं। (2019 में इनमें से कई दल गठबंधन में नहीं थे और अपने दम पर चुनाव लड़े थे)
पहली यात्रा सितंबर 2022 से जनवरी 2023 तक चली थी। इस दौरान राहुल गांधी ने 12 जनसभाओं, 100 से अधिक नुक्कड़ सभाओं और 13 प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 75 जिलों और 71 लोकसभा क्षेत्रों में 4,000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा की।
कन्याकुमारी से शुरू होकर कश्मीर पहुंची यात्रा 71 लोकसभा क्षेत्रों से होकर गुजरी, जिनमें से कांग्रेस ने इस बार 56 सीटों पर चुनाव लड़ा और 23 पर जीत हासिल की। 2019 में इसने इनमें से 65 सीटों पर चुनाव लड़ा और 15 पर जीत हासिल की। इस बीच कांग्रेस के इंडिया ब्लॉक सहयोगी इस बार इनमें से 14 सीटों पर चुनाव लड़े और छह पर जीत हासिल की। 2019 में सहयोगियों ने 71 सीटों में से चार पर चुनाव लड़ा और दो पर जीत हासिल की। श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) और बागपत (उत्तर प्रदेश) की दो सीटों पर 2019 में इंडिया ब्लॉक की किसी भी पार्टी ने चुनाव नहीं लड़ा था।
दूसरी यात्रा इस साल 14 जनवरी से 16 मार्च तक 82 लोकसभा क्षेत्रों में कवर की। मणिपुर के इंफाल से महाराष्ट्र के मुंबई तक कांग्रेस ने लगभग 6,713 किमी तक की दूरी कवर की थी, जिसमें से अधिकतर यात्रा बस से की गई। 82 निर्वाचन क्षेत्रों में से, कांग्रेस ने 49 सीटों पर चुनाव लड़ा और 17 पर जीत हासिल की। 2019 में, इसने 71 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ा था, लेकिन केवल छह पर जीत हासिल की। इस बार, पार्टी ने अपने सहयोगियों को 33 सीटें दीं, जिन्होंने 18 पर जीत हासिल की। पांच साल पहले, इन दलों ने इनमें से 10 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन एक भी सीट जीतने में असफल रहे थे।
पहली यात्रा के रूट में पड़ने वाली आंध्र प्रदेश की दो सीटों पर कांग्रेस जीत हासिल करने में विफल रही। 2019 में भी वह दोनों सीटें हार गई थी। दिल्ली जो पहली यात्रा के रूट पर थी, कांग्रेस और उसके सहयोगियों को कुछ भी हासिल नहीं हुआ। 2019 में यात्रा ने जिन पांच सीटों को छुआ, उनमें से उसने पांच पर चुनाव लड़ा और सभी पर हार गई। 2024 में, उसने पांच में से दो सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि AAP ने शेष तीन सीटों पर चुनाव लड़ा। गठबंधन ने सभी पांच सीटें खो दीं।
महाराष्ट्र में, पहली यात्रा का प्रभाव यह था कि कवर की गई छह सीटों में से, कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने 2024 में चार सीटें जीतीं। पांच साल पहले UPA ने उन सभी को खो दिया था। दूसरी यात्रा ने आठ निर्वाचन क्षेत्रों को कवर किया, जिनमें से महा विकास अघाड़ी गठबंधन ने इस बार पाँच जीते। 2019 में यह सभी हार गया था। हरियाणा में, जहां पहली यात्रा ने पांच सीटों को कवर किया, कांग्रेस ने 2019 में भाजपा के हाथों सभी सीटें खो दीं। इस बार, वह इनमें से एक निर्वाचन क्षेत्र जीतने में सफल रही। हिमाचल प्रदेश में पहली यात्रा एक सीट से होकर गुजरी। 2019 में यह सीट भाजपा के खाते में गई। कांग्रेस इस बार भी इसे जीतने में विफल रही।
जम्मू-कश्मीर में पहली यात्रा के दौरान चार सीटें कवर की गईं। 2019 में कांग्रेस ने इनमें से तीन सीटों पर चुनाव लड़ा और केवल श्रीनगर सीट फारूक अब्दुल्ला के लिए छोड़ी। वह एक भी सीट जीतने में विफल रही। 2024 में कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन किया, जिसने चार में से दो सीटें जीतीं जबकि कांग्रेस अन्य दो सीटों पर हार गई।
कर्नाटक में, जहां पहली यात्रा ने सात सीटों को कवर किया, कांग्रेस ने पांच सीटों पर चुनाव लड़कर कोई सीट नहीं जीती थी, जबकि उसके सहयोगी जेडीएस ने दो में से एक सीट जीती थी। 2024 में कांग्रेस ने सभी सात सीटों पर चुनाव लड़कर तीन सीटें जीतीं। केरल में, जहां पहली यात्रा 11 निर्वाचन क्षेत्रों में गई, कांग्रेस ने 2019 में 10 सीटों में से सात सीटें जीतीं। एक सीट सहयोगी आईयूएमएल ने जीती। 2024 में, 11 सीटों में से कांग्रेस सात सीटें जीतेगी जबकि उसके सहयोगी दल दो निर्वाचन क्षेत्र जीतेंगे।