राजस्थान में 199 विधानसभा सीटों के लिए हुए मतदान में 13 विधानसभा क्षेत्रों मे विजयी रहे उम्मीदवारों के हारने वाले उम्मीदवारों के मतों के अंतर से अधिक नोटा में डाले गए वोट रहे। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 13 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां विजेता व हारे उम्मीदवार के बीच वोटों के अंतर से ज्यादा वोट नोटा में डाले गए।

इस तरह की सीटों में नसीराबाद, कठूमर, बांसवाड़ा, बायतु, चौहटन, आसींद, जहाजपुर, कोटपूतली, हवामहल, भीनमाल, जायल, खींवसर व मावली शामिल हैं। इस चुनाव में कुल 3,82,066 नोटा वोट डाले गए जो कुल मतदान का 0.96 फीसद है। अगर 2018 के विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो यह फीसद 1.3 रहा था। जिन सीटों पर जीत के अंतर से अधिक वोट नोटा में पड़े उनमें खींवसर भी शामिल है।

यह सीट नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल ने भाजपा के उम्मीदवार रेवंत राम को 2,059 वोटों के मामूली अंतर से हराकर जीती जबकि इस सीट पर नोटा वोट की संख्या 2,130 रही। ऐसा ही एक और उदाहरण जयपुर शहर की हवा महल सीट का है। यहां भाजपा के बाल मुकुंदाचार्य ने कांग्रेस के आरआर तिवारी को 974 मतों से हराया। इस सीट पर पड़े नोटा वोटों की संख्या 1,463 रही। इन 13 सीटों पर मतदाताओं द्वारा नोटा के इस्तेमाल से जहां भाजपा को आठ सीटों पर फायदा होता नजर आया वहीं कांग्रेस चार और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी एक सीट पर फायदे में रही।

राज्य की कुल 200 में से 199 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ जिसके वोटों की गिनती रविवार को की गई। इसमें भाजपा को 115 सीटों के साथ बहुमत मिला जबकि कांग्रेस 69 सीटों पर सिमट गई। तीन सीटें भारत आदिवासी पार्टी, दो सीटें बहुजन समाज पार्टी (बसपा), एक-एक सीट राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) और आठ निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। करणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था। इसी सीट पर अब पांच जनवरी को मतदान होगा जबकि वोटों की गिनती आठ जनवरी को होगी।

दूसरी ओर, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की बात करें तो यहां पर 15 सीटों पर जीत हार के अंतर से अधिक मत नोटा को मिले। ऐसी ही एक सीट शाजापुर की है, जहां भाजपा के अरुण भीमावद ने कांग्रेस के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री हुकुमचंद कराड़ा को 28 मतों से पराजित किया, जबकि यहां नोटा में 1,534 मत दिए गए।

इसी तरह प्रदेश में शिवराजसिंह मंत्रिमंडल के मंत्री कमल पटेल हरदा में 870 मतों से हार गए परंतु वहां नोटा में 2375 मत आए। सेंधवा विधानसभा सीट पर सबसे अधिक 5098 मत नोटा को मिले जबकि गोदह विधानसभा सीट पर नोटो को सबसे कम 790 मत मिले। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2013 में 1.90 फीसद, 2018 में 1.42 फीसद और 2023 में 0.98 फीसद मतदाताओं ने नोटा का उपयोग किया। मतदाता की पसंद जब कोई उम्मीदवार नहीं होता है तो इस तरह की स्थिति बनती रहेगी।