लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने भारी बहुमत से जीतकर दोबारा सत्ता में वापसी की है। पीएम मोदी दोबारा से अगले 5 सालों के लिए देश की बागडोर संभालने जा रहे हैं। हालांकि मशहूर अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल से ज्यादा खुश नजर नहीं आते हैं। द टेलीग्राफ में लिखे अपने एक लेख में अमर्त्य सेन ने लिखा है कि पीएम मोदी की यह जीत उनकी उपलब्धियों के लिए नहीं बल्कि डर के बलबूते पर हुई है। हालांकि अमर्त्य सेन ने पीएम मोदी के व्यक्तित्व की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि नरेंद्र मोदी एक करिश्माई राजनेता हैं। वह एक बेबाक वक्ता हैं और दूसरों को अपनी बातों से प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।

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अमर्त्य सेन मानते हैं कि पुलवामा हमले और एयर स्ट्राइक के बाद उभरे राष्ट्रवाद का पीएम मोदी और भाजपा को फायदा मिला है। वह कहते हैं कि भारतीय आम चुनाव में एक डर का माहौल बनाया गया, जिसे मोदी द्वारा बखूबी इस्तेमाल किया गया। अपनी बात के समर्थन में अमर्त्य सेन कहते हैं कि बीते लोकसभा चुनावों में भाजपा को जीत उनके चुनावों के दौरान किए गए वादों से मिली, जिसमें उन्होंने रोजगार बढ़ाने, भ्रष्टाचार मिटाने जैसी बातें कहीं। जबकि हालिया लोकसभा चुनावों के प्रचार में प्रधानमंत्री ने अपनी उपलब्धियों के बारे में कोई बात नहीं की।

प्रधानमंत्री ने रोजगार, आर्थिक वृद्धि, स्वास्थय सेवाओं की बेहतरी और भ्रष्टाचार पर कोई बात नहीं की। इसकी जगह पर मोदी ने भारतीय नागरिकों के सामने सिर्फ डर का माहौल बनाने की कोशिश की, कभी आतंकवाद का डर, कभी पाकिस्तान का डर और कभी भारत के अंदर मौजूद तत्वों का डर दिखाया। अमर्त्य सेन के अनुसार, इसका भाजपा और पीएम मोदी को फायदा मिला। भाजपा के पिछले 5 साल के कार्यकाल को कटघरे में खड़ा करते हुए सेन ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए और बीते पांच सालों में भारत धार्मिक तौर पर ज्यादा बंट गया है।