मध्य प्रदेश के इंदौर में कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारक और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने चुनावी कार्यक्रम के दौरान महिला मेयर मालिनी लक्ष्मण गौड़ के खिलाफ एक बयान दिया है। शहर में विकास कार्यों के लिये लोगों के घर जबरन तोड़े जाने का इल्जाम लगाते हुए सिद्धू ने निशाना साधा। इस बयान के बाद भाजपा ने सिद्धू के ऊपर तल्ख टिप्पणी की है। सिद्धू ने अपने भाषण में कहा, “…हस लो, हस लो, लेकिन ताली जरूर ठोको! ठोको, ठोको! और इसके साथ महापौर को भी ठोको! महापौर साहिबा, लोकतंत्र अहंकार नहीं सहता। तुमने बसे-बसाये लोगों को उजाड़ डाला और उन्हें उनके (तोड़े गये) घरों का मुआवजा भी नहीं दिया। तुमने उनकी रोजी-रोटी छीन ली।”

यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। भाजपा ने कथित अभद्र बयानबाजी को लेकर पूर्व क्रिकेटर के खिलाफ विरोध जताते हुए उन्हें “हजरत बुद्धू” कहा और उन पर आधी आबादी के अपमान का आरोप लगाया है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस वीडियो को टि्वटर पर शेयर करते हुए लिखा, “ये है कांग्रेस का असली चेहरा, नवजोत सिंह सिंद्धू का इंदौर की महापौर श्रीमती मालिनी लक्ष्मण गौड़ जी के लिए इस प्रकार के अभद्र एवं हिंसात्मक शब्द का प्रयोग। क्या एक महिला, जिन्होंने इंदौर को देश का सर्वाधिक स्वच्छ नगर बनाया, उनके लिए ये शब्द उचित हैं?”

भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वियजा रहटकर ने भी इस वीडियो को शेयर करते हुए कांग्रेस पर प्रहार किया है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस नेताओं को क्या हुआ है? क्यू ये महिलाओं के बारे में अभद्र टिप्पणियां कर रहे है? प्रधानमंत्री के मां के बारे में, लोकप्रिय मेयर के बारे में ऐसी बातें करना कहा उचित है? विरोधी पार्टियां मुद्दों पर क्यू नहीं बात कर रही है?”

सिद्धू के विवादास्पद बयान के खिलाफ भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं ने इंदौर के ऐतिहासिक राजबाड़ा महल के सामने देवी अहिल्या की प्रतिमा के सामने मौन धरना दिया। धरने के बाद भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने संवाददाताओं से कहा, “हजरत बुद्धू ने एक महिला नेता के लिये बेहद अभद्र शब्दावली का इस्तेमाल किया है। आधी आबादी का अपमान करने वाली इस टिप्पणी के लिये उन्हें माफी मांगनी चाहिए।” नई दिल्ली क्षेत्र से भाजपा की लोकसभा सांसद ने कहा, “मैं सिद्धू को हजरत बुद्धू इसलिए कह रही हूं, क्योंकि उनकी हरकतें समझदार व्यक्तियों वाली नहीं हैं। “ठोको ताली” कहना किसी लाफ्टर चैलेंज की भाषा तो हो सकती है। लेकिन राजनीतिक मंच की अपनी गरिमा होती है।” (एजेंसी इनपुट के साथ)