भारत में हो रहे लोकसभा चुनाव के पर्व पर लाहौर की पैनी नजर है। पाकिस्तान, भारत के चुनाव पर अपने अंदाज में हर बार हस्तक्षेप करता रहता है। कभी बयानबाजी के जरिए, कभी कूटनीति के जरिए तो कभी दूसरे मुद्दों के जरिए उसकी उपस्थिति जरूर महसूस हो जाती है। इस बार भी 24 के रण में पाकिस्तान ने अपनी भूमिका निभा दी है। कहना चाहिए उसकी वजह से देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस मुसीबत में फंस चुकी है।

भारत के चुनाव में पाकिस्तान मुद्दा

इमरान सरकार में मंत्री रहे फवाद चौधरी ने अपने दो बयानों से भारत की राजनीति में भूचाल ला दिया है। बीजेपी को बैठे-बिठाए मुद्दा देने का काम कर दिया है। असल में कांग्रेस के मेनिफेस्टो को लेकर बीजेपी काफी आक्रमक है, पीएम नरेंद्र मोदी तो यहां तक कह चुके हैं कि इस घोषणा पत्र में मुस्लिम लीग की छाप साफ दिखाई दे रही है। दावा किया गया है कि कांग्रेस दूसरों की संपत्ति लेकर किसी और में बांट देगी। अब दूसरे और फिर तीसरे चरण में ये मुद्दा काफी हावी रहा है, पीएम मोदी ने आक्रमक अंदाज में बैटिंग भी की है।

पाकिस्तान को पसंद कांग्रेस मेनिफेस्टो!

मजे की बात ये है कि मोदी के साथ-साथ पाकिस्तान ने भी कांग्रेस के मेनिफेस्टो पर अपने विचार रखे हैं। पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने एक बार नहीं दो बार राहुल गांधी की जी भरकर तारीफ कर दी है। एक बयान में बोल गए ‘Rahul on Fire’, दूसरे बयान में एक लंबा स्टेटमेंट लिख गए। फवाद ने कहा कि राहुल गांधी अपने परदादा जवाहरलाल की तरह ही समाजवादी हैं, विभाजन के 75 साल बाद भी भारत और पाक की समस्याएं एक जैसी हैं। राहुल साहब ने अपने आखिरी रात के भाषण में कहा कि 30 या 50 परिवारों के पास भारत की 70% संपत्ति है इसलिए पाकिस्तान जहां केवल एक बिजनेस क्लब है जिसे पाक बिजनेस काउंसिल कहा जाता है और कुछ रियल एस्टेट सेठों के पास पाक संपत्ति का 75% हिस्सा है। धन का उचित वितरण पूंजीवाद की सबसे बड़ी चुनौती है।

10 साल की रणनीति और बौखलाया पाकिस्तान

अब चुनाव भारत का, नेता कांग्रेस के, लेकिन प्रतिक्रिया पाकिस्तान से आ रही है। पहली नजर में तो ये सिर्फ एक घटना लग सकती है, लेकिन अगर राजनीति के चश्मे से देखें तो यहां भी पीएम मोदी की एक 10 साल पुरानी रणनीति दिखाई देती है। 10 साल पुरानी इसलिए क्योंकि इस एक दशक में ही पाकिस्तान को लेकर जो अप्रोच वर्तमान सरकार की रही है, उसका राजनीति पर भी पूरा असर देखने को मिला है।

कांग्रेस का सॉफ्ट रुख, मोदी ने उठाया फायदा

असल में पीएम मोदी ने साल 2014 के चुनाव के वक्त ही ये नेरेटिव सेट कर दिया था, कांग्रेस तो पाकिस्तान को लव लेटर लिखती है, आतंकी हमला करते हैं, जवानों को मारते हैं और कांग्रेस डॉजियर भेजती रहती है। इस नेरेटिव ने ही कांग्रेस को कमजोर और मोदी को सशक्त दिखाने का काम किया था। वो नेरेटिव ज्यादा मजबूत तब हो गया जब उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक की गई और फिर पुलवामा हमले के बाद एयरस्ट्राइक हो गई। इन दो कार्रवाई और कई सालों से पाकिस्तान के साथ बंद चल रही बातचीत ने एक तरह के हाईपर नेशनलिज्म को हवा देने का काम किया है।

बीजेपी की विचारधारा और राष्ट्रवाद नेरेटिव

ये बीजेपी वाला राष्ट्रवाद ही अब पाकिस्तान को भी चुभता है। ध्यान से देखा जाए तो बीजेपी की विचारधारा में पाकिस्तान से बातचीत के लिए कोई जगह नहीं है। जम्मू-कश्मीर पर 370 को लेकर कभी कोई दो राय नहीं दिखी है। अब तो सीएए को लेकर भी स्टैंड एकदम साफ कर दिया गया है। बीजेपी सरकार के ये सारे कदम पाकिस्तान को किसी कील की तरह चुभते हैं। इसके ऊपर बीजेपी नेताओं के पाकिस्तान पर दिए जाने वाले बयान भी आग में घी डालने का काम करते हैं।

मोदी विरोध में कांग्रेस का समर्थन कर रहा पाक?

अब इन्हीं बयान, सरकार के उन कदमों की वजह से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। एक ‘हिंदूवादी’ और ज्यादा सख्त विचार रखने वाली सरकार वो भारत में नहीं देखना चाहता। पीएम मोदी भी पाकिस्तान का ये दर्द समझते हैं, इसी वजह से उन्होंने बार-बार ऐसे बयान दिए कि पाकिस्तान ने बौखलाकर उनके खिलाफ बोला। अब इस ‘मोदी विरोध’ ने ही पाकिस्तान को कांग्रेस के पक्ष में बात करने पर मजबूर कर दिया है। अब पाकिस्तान तो ये सोच कांग्रेस की नीतियों का समर्थन कर रहा है कि इससे मोदी को सियासी चोट पहुंचेगी, चुनाव में शायद बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ जाएगा।

देश का मिजाज ही कांग्रेस के लिए सिरदर्दी

लेकिन भारत में माहौल बदल चुका है, यहां राष्ट्रवाद की एक कट्टर हवा पूरे देश में चल रही है। ये हवा ही पाकिस्तान के कांग्रेस के पक्ष में दिए गए हर बयान को देश की सबसे पुरानी पार्टी के लिए नासूर बना रही है। पाकिस्तान ने तो सिर्फ कांग्रेस के मेनिफेस्टो पर एक बयान दिया, लेकिन देश में बीजेपी ने माहौल बनाया कि पाकिस्तान को कांग्रेस की सरकार ज्यादा पसंद है। यहां भी कांग्रेस को एक कमजोर पार्टी के तौर पर दिखाया जा रहा है जो पाकिस्तान और उनके मंसूबों के सामने झुक जाएगी। अब असलियत इससे बिल्कुल विपरीत हो सकती है, लेकिन बीजेपी चुनावी मौसम में नेरेटिव सेट में सफल हो रही है।

कांग्रेस को खोजना पड़ेगा रास्ता, वरना पाक देगा झटका

इस समय कांग्रेस फिर उसी ट्रैप में फंस चुकी है। कोई उसके कहने पर फवाद चौधरी ने ऐसा बयान नहीं दिया है, कोई कांग्रेस ने पाकिस्तान से समर्थन नहीं मांगा है, लेकिन पड़ोसी मुल्क ने मोदी विरोध के चलते कांग्रेस के पक्ष में बयानबाजी कर दी और उस बयानबाजी को बीजेपी ने एक समर्थन के तौर पर देख लिया। योगी से लेकर मोदी तक अब इसी मुद्दे को भुना रहे हैं। कांग्रेस भी सिर्फ इतना कह पा रही है कि गुमराह करने के लिए पाकिस्तान का मुद्दा उठाया जा रहा है, लेकिन सच ये है कि पाकिस्तान की वजह से चुनाव में कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो रहा है। आने वाले चरणों में भी ये मुद्दा दबने वाला नहीं है। यानी कि जब जब मोदी पाकिस्तान के खिलाफ बोलेंगे, बौखलाया पड़ोसी मुल्क एक इंसान के विरोध के लिए दूसरे का समर्थन करेगा और वो समर्थन ही फिर कांग्रेस को मुश्किल में डालेगा।