लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) को लेकर चुनाव आयोग (Election Commission) ने अभी मतदान या नतीजों की तारीखों का आधिकारिक ऐलान नहीं किया है लेकिन देश में सियासत उफान पर है। बीजेपी (BJP) ने 195 लोकसभा प्रत्याशियों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी है, जिसमें पीएम मोदी (PM Modi) से लेकर गृहमंत्री अमित शाह और अन्य कैबिनेट मंत्रियों के नाम शामिल हैं। दूसरी ओर बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बने विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) की एक विशाल रैली पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में हुई। इस रैली से वैसे तो मोदी और बीजेपी के खिलाफ बयानों के खूब तीर चले लेकिन RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) का एक बयान विवादों में आ गया, जो कि आने वाले कुछ महीनों तक देश का सबसे बड़ा सियासी मुद्दा भी बन सकता है।

दरअसल, पटना के गांधी मैदान में इंडिया गठबंधन के घटक दलों की मौजूदगी में आरजेडी ने एक महारैली का आयोजन किया था। इसमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, आरजेडी सुप्रीम लालू प्रसाद यादव, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और लेफ्ट के नेता भी शामिल थे। इस महारैली के दौरान लालू प्रसाद यादव अपने पुराने अंदाज में नजर आए लेकिन उन्होंने पीएम मोदी के परिवार को लेकर विवादित बयान दे दिया, क्योंकि पीएम मोदी लगातार देश की सियासत से परिवारवाद के मुद्दे को खत्म करने का जिक्र करते रहे हैं।

लालू प्रसाद यादव ने कहा कि नरेंद्र मोदी आए दिन परिवारवाद की बात करते हैं लेकिन वे ये क्यों नहीं बताते हैं कि उनका परिवार क्यों नहीं है। लालू प्रसाद यादव ने यह भी कह दिया कि नरेंद्र मोदी को कोई संतान क्यों नहीं है, इसका जवाब नरेंद्र मोदी को ही देना चाहिए। लालू के इस बयान से रैली में मौजूद भीड़ तो हल्ला मचाने लगी लेकिन यह विपक्ष के लिए आज मुसीबत बनता नजर आ रहा है।

‘मोदी का परिवार’ कैंपेन शुरू

आज लालू प्रसाद यादव की बातों का जवाब देने के लिए बीजेपी सभी वरिष्ठ सांसदों कैबिनेट मंत्रियों ने अपने एक्स अकाउंट के बायो में अपने नाम के आगे ब्रैकेट में ‘मोदी का परिवार’ (Modi Ka Parivar) लिख दिया। यह प्रयोग बीजेपी के लगभग सभी केंद्रीय मंत्री और सांसद कर चुके हैं। इस लिस्ट में केद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से लेकर राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य सभी नेता शामिल हैं।

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेलंगाना के आदिलाबाद में थे। यहां से उन्होंने लालू यादव को जवाब दिया और कहा कि भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण में डूबे विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के नेता बौखलाते जा रहे हैं। इन्होंने 2024 का असली घोषणा-पत्र निकाला है. मैं इनके परिवारवाद पर सवाल उठाता हूं तो ये बोलने लगे कि मोदी का कोई परिवार नहीं है। मोदी ने कहा कि देश का एक एक सदस्य मोदी का परिवार है।

जब मोदी ने राहुल के आरोप को बनाया था चुनावी कैंपेन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के पैटर्न को देखें तो यह लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) के ‘मैं भी चौकीदार हूं’ कैंपेन (Main Bhi Chowkidar) से मिलता है। फ्रांस से हुई भारत की राफेल लड़ाकू विमानों की डील को लेकर तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष और वर्तमान में वायनाड से सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा था कि प्रधानमंत्री ने इस डील में चोरी की है। उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ ‘चौकीदार चोर है’ (Chowkidar Chor Hai) कैंपेन चलाया था। इसको लेकर कांग्रेस काफी आक्रामक रही थी। बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लगे इस आरोप को ही मॉडिफाई कर दिया और अपना चुनावी कैंपेन बना लिया था, जो कि ‘मैं भी चौकीदार हूं’ था।

खास बात यह है कि 2014 के मुकाबले 2019 में बीजेपी ज्यादा सीटों के साथ सरकार में आई थी। 2014 में बीजेपी की सीटें 283 थीं जो कि बढ़कर 2019 में 303 हो गई थी। ऐसे में चुनाव के बाद कांग्रेस में ही राहुल गांधी को लेकर विरोध देखने को मिला था। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने उस दौरान पार्टी की लगातार दूसरी शर्मनाक हार के लिए राहुल गांधी की नीतियों, और मोदी के खिलाफ चलाए गए पर्सनल अटैक के कैपेंन को जिम्मेदार माना था।

लालू ने ‘INDIA’ के लिए सेल्फ गोल?

ऐसे में लालू प्रसाद यादव का मोदी के परिवार को लेकर टिप्पणी करना और उसके बाद तुरंत ही मोदी कैबिनेट के मंत्रियों समेत बीजेपी नेताओं के एक्स बायो में ‘मोदी का परिवार’ जुड़ना संकेत दे रहा है कि बीजेपी इसे मैं भी चौकीदार की तर्ज पर मोदी का परिवार कैंपेन चलाने वाली है। हम सभी जानते हैं कि 2019 का चुनावी परिणाम क्या रहा था। इसके चलते यह सवाल उठने लगे हैं कि मोदी के परिवार के बारे में पूछकर लालू प्रसाद यादव ने कहीं इंडिया गठबंधन के लिए ही सेल्फ गोल तो नहीं कर दिया है?

निजी हमलों को बनाया हथियार

साल 2019 को छोड़ भी दें तो इससे पहले भी विपक्षी दलों के नेता जब भी मोदी के खिलाफ निजी हमले करते थे, तो मोदी उसे जनता से जोड़कर एक कैंपेन बना देते थे। ‘मौत के सौदागर’ से लेकर मणिशंकर अय्यर द्वारा ‘नीच’ कहे जाने पर मोदी ने कुछ ऐसा ही किया था। 2014 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2014) से पहले संसद में पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह (Dr. Manmohan Singh) ने अर्थव्यवस्था को लेकर बयान दिया था कि, ‘अच्छे दिन आने वाले हैं’, पूर्व पीएम के बयान को बीजेपी ने 2014 में अपना इलेक्शन कैंपेन बनाय था।

इतना ही नहीं कांग्रेस नेताओं ने पीएम मोदी को चायवाला कहकर मोदी का 2014 के चुनाव के दौरान काफी मखौल भी उड़ाया था लेकिन इसको लेकर पलटवार करने के बजाए, मोदी ने चाय पर चर्चा कैंपेन शुरू कर दिया था।

यह बताता है कि मोदी और बीजेपी विपक्षी दलों द्वारा निजी हमलो पर पलटवार करने के साथ ही उसे अपना चुनावी कैंपेन बनाकर एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करती है। इत्तफाक यह है कि उसे इसका फायदा भी मिल जाता है।