मध्य प्रदेश में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। मध्य प्रदेश चुनाव के दौरान भाजपा ने नई रणनीति अपनाई है और उसने चुनाव की तारीख के ऐलान से पहले ही 79 प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। बीजेपी ने कई दिग्गजों को भी मैदान में उतारा है। वहीं केंद्रीय मंत्रियों को भी विधानसभा का टिकट दिया है।

इसी में एक नाम है प्रहलाद सिंह पटेल का, जो वर्तमान में केंद्रीय मंत्री हैं और दमोह से लोकसभा सांसद हैं। पांच बार के सांसद प्रहलाद सिंह पटेल को भाजपा ने नरसिंहपुर से विधायक उम्मीदवार बनाया है। प्रहलाद सिंह पटेल बुंदेलखंड में एक बड़ा नाम है और उन्हें उमा भारती का काफी करीबी कहा जाता है। अटल बिहारी वाजपेई सरकार में भी प्रहलाद सिंह पटेल केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और मोदी सरकार में भी केंद्रीय मंत्री हैं।

प्रहलाद सिंह पटेल का जन्म नरसिंहपुर में 1960 में हुआ था। वह शुरू से ही आरएसएस और बीजेपी से जुड़े रहे। 1989 में उन्होंने मध्य प्रदेश के सिवनी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और बीजेपी के टिकट पर संसद पहुंचे। उसके पहले वह भारतीय जनता युवा मोर्चा में भी कई पदों पर काम कर चुके थे। प्रहलाद सिंह पटेल छात्र राजनीति से देश की राजनीति में आए हैं। 1980 में उन्होंने जबलपुर गवर्नमेंट साइंस कॉलेज के छात्र संघ के अध्यक्ष का चुनाव जीता था।

अटल सरकार में रहे मंत्री

1999 में प्रहलाद सिंह पटेल मध्य प्रदेश के बालाघाट लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। सन 2003 में अटल बिहारी वाजपेई सरकार में उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया। अटल बिहारी वाजपेई सरकार में प्रहलाद सिंह पटेल को केंद्रीय राज्य मंत्री, कोयला मंत्रालय के रूप में कैबिनेट में शामिल किया गया था। हालांकि 2004 का लोकसभा चुनाव प्रहलाद सिंह पटेल ने छिंदवाड़ा से लड़ा और वह चुनाव हार गए। कमलनाथ ने प्रहलाद सिंह पटेल को हराया था।

इसके बाद प्रहलाद सिंह पटेल भारतीय जनता मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भारतीय जनता मजदूर मोर्चा के अध्यक्ष रहे। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें दमोह से टिकट दिया गया और उन्होंने कांग्रेस के चौधरी महेंद्र प्रताप सिंह को हरा दिया। 2019 के चुनाव में भी उन्हें दमोह से ही उम्मीदवार बनाया गया और उन्होंने एक बार फिर से जीत हासिल की।

उमा भारती के काफी करीबी

प्रहलाद सिंह पटेल को उमा भारती का काफी करीबी माना जाता है। 2005 में जब उमा भारती बीजेपी से अलग होकर अपनी नई पार्टी बना ली थीं, उस दौरान प्रहलाद सिंह पटेल भी बीजेपी छोड़कर उनके साथ चले गए थे। हालांकि 2009 में प्रहलाद सिंह पटेल ने एक बार फिर से बीजेपी ज्वाइन की।

नरसिंहपुर से हैं उम्मीदवार

बीजेपी ने नरसिंहपुर से प्रहलाद सिंह पटेल को उम्मीदवार बनाया है। हालांकि 2013 और 2018 के चुनाव में भी बीजेपी ने इस विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर थी, तब यहां से बीजेपी को 50 फीसदी से अधिक वोट मिला था। वहीं 2013 के चुनाव में बीजेपी को यहां से 57 फीसदी से अधिक वोट मिला था। 2008 में यहां से कांग्रेस की जीत हुई थी।