बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में 303 सीटों के साथ बंपर जीत हासिल की। इसके बाद सरकार निर्माण का काम शुरू हुआ। 30 मई को मंत्रियों ने पद और गोपनियता की शपथ ली। शपथ ग्रहण से पहले किसे मंत्री बनाया जाए और किसे नहीं इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बीच कई घंटों की बैठक हुई।

लंबे विचार विमर्श के बाद 58 नामों को फाइनल कर लिया गया। शाह ने एक-एक कर सभी को मंत्री बनाने की सूचना दी। लेकिन एक मंत्री ऐसे भी थे जिन्हें शाह फोन करते रहे लेकिन वह अपना फोन साइलेंट कर भूल गए।

अपनी सादगी के लिए मशहूर और ‘ओडिशा के मोदी’ कहे जाने वाले ओडिशा के बालासोर से सांसद प्रताप सारंगी को बीजेपी अध्यक्ष ने मंत्री बनाने की सूचनी देनी चाही तो उनका फोन साइलेंट पर था। एक निजी टेलिविजन न्यूज चैनल के साथ बातचीत में सारंगी ने खुद यह जानकारी दी। उन्होंने कहा ‘जिस सयम मेरे पास फोन आया तब मैं बीजेपी कार्यालय में था। मैंने फोन उठाया तो मुझसे कहा कि आपको कितनी देर से फोन कर रहे हैं फोन क्यों नहीं उठाते इसके बाद मैंने अपना फोन साइलेंट पर कर दिया। इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष का फोन आया तो उन्होंने मुझसे कहा कि आपको मंत्री पद की शपथ के लिए शाम सात बजे दिल्ली आना है आप केंद्रीय मंत्री ध्रमेंद्र प्रधान के साथ आना।’

उन्होंने आगे बताया ‘बीजेपी अध्यक्ष ने मुझसे कहा कि शपथ लेने से पहले आपको 5 बजे प्रधानमंत्री के साथ एक बैठक में भी शामिल होना है। यह सब सुनकर मैंने पार्टी अध्यक्ष से कहा कि मैं क्यो शपथ लूं। तो उन्होने मुझसे कहा कि क्या बात है तुमको ही शपथ लेनी है।’

बता दें कि सारंगी नई मोदी सरकार में सबसे गरीब मंत्री हैं। वह मंत्री बनने से पहले 2004 और 2009 में निलागिरी विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं। 2004 में बीजेपी के टिकट से जीत मिली थी 2009 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था।

सारंगी को मोदी सरकार में दो मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लोग उन्हें ‘ओडिशा का मोदी’ कहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि मोदी की तरह वह भी अपने परिवार से दूर रहते हैं और एक संन्यासी की तरह जीवन जीते हैं।