सुप्रीम कोर्ट में चल रही वीवीपैट पर्ची वाली मांग खारिज हो गई। जिसके बाद चुनावी रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने इसको लेकर कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला विपक्ष पर ‘करारा तमाचा’ था। जिसके बाद प्रतिक्रिया देते हुए कांगेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सुप्रीम कोर्ट के ही चुनावी बॉन्ड वाले फैसले की याद दिलाया है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा सुप्रीम कोर्ट में खारिज हुए वीवीपैट पर्ची के मांग में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने तो प्रत्यक्ष रूप में और न ही अप्रत्यक्ष रूप में पार्टी थी। जबकि इसको लेकर पीएम मोदी कह रहे है कि ये विपक्षियों पर करारा तमाचा है। तो फिर चुनावी बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया था वो क्या था। सुप्रीम कोर्ट ने तो चुनावी बॉन्ड को ही अवैध घोषित करते हुए पीएम को करारा तमाचा मारा था।

चुनावी बॉन्ड के जरिए हुआ भ्रष्टाचार

रमेश ने प्रधानमंत्री के बयान की प्रतिक्रिया में कहा कि पीएम को पिछले पांच सालों में हुए भ्रष्टाचार के मामलों पर माफी मांगनी चाहिए। उनका केवल भ्रष्टाचार को लेकर ये मानना है कि चंदा दो, धंधा लो, ठेका लो, घूस दो, हफ्ता वसूली करो। इन्ही के माध्यम से भाजपा ने चुनावी बॉन्ड के जरिए 8200 करोड़ रुपये इक्कठा किए।

वीवीपैट पर जनता का चाहिए विश्वास

इसके साथ ही जयराम रमेश ने कहा कि हम लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को ध्यान में रखते हुए चुनावी प्रकिया में जनता वीवीपैट का और अधिक उपयोग बनाएंगे। वहीं शुक्रवार को कांग्रेस ने कहा कि वह चुनावों में जनता का विश्वास बढ़ाने के लिए वीवीपैट को ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने का आग्रह करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी मांग

बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इवीएम से निकले वाली वीवीपैट पर्ची के मिलान वाली याचिका खारिज कर दिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बैलेट पेपर से होने वाले चुनाव को लेकर याचिका वाली मांग भी खारिज कर दी। याचिकाकर्ता की तरफ से ये मांग थी कि देश में होने वाले सभी चुनाव ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से कराए जाएं।