Lok Sabha Election 2019 में मोदी सरकार को एयर स्ट्राइक से फायदा मिलने या न मिलने की बहस के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी एक बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘यूपीए सरकार के दौरान भी कई सर्जिकल स्ट्राइक्स हुई थीं लेकिन हमने वोट के लिए उनका इस्तेमाल नहीं किया।’ उन्होंने आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार की आलोचना करते हुए उसे अक्षम्य रूप से असफल बताया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अपनी आर्थिक मोर्चे की असफलता को छिपाने के लिए वे सैन्य बलों के शौर्य की आड़ ले रही है, जो शर्मनाक और अस्वीकार्य है।
शाह-सीतारमण को दिया जवाबः बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य बीजेपी नेताओं ने मुंबई में हुए 26/11 हमले पर पलटवार को लेकर मनमोहन सिंह को निशाने पर लिया था। एक इंटरव्यू में खुद पर उठे सवालों का जवाब देते हुए सिंह ने कहा, ‘2008 में हुए मुंबई हमले के बाद भारत भी सैन्य कार्रवाई का रास्ता अपना सकता था। यूपीए सरकार ने पाकिस्तान को अलग-थलग करने और कूटनीतिक तरीकों से आतंकियों के ठिकाने के रूप में उजागर करने का फैसला लिया था।’
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सिंह ने कहा, ‘मुंबई हमले के महज 14 दिनों बाद चीन लश्कर प्रमुख हाफिज सईद को वैश्विक आतंकी घोषित करने पर सहमत हो गया था। यूपीए सरकार ने मुंबई हमले के उस मास्टरमाइंड पर अमेरिका से 10 मिलियन डॉलर का इनाम भी घोषित करवाया। फर्क सिर्फ यह है कि हमने कभी इस तरह के ऑपरेशन के बारे में बातें नहीं कीं।’
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मनमोहन सिंह ने कहा, ‘जब हमारी सरकार ने नेशनल काउंटर टेररिज्म सेंटर के जरिये तटीय सुरक्षा व्यवस्था तैयार करने का सुझाव दिया था तो गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही उस विचार को खारिज किया था।’ उन्होंने इंदिरा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री से मोदी की तुलना पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘वो दोनों दृढ़ संकल्पित और दृढ़ निश्चयी थे। दोनों की महानता की वर्तमान सरकार से तुलना नहीं की जा सकती। न तो इंदिरा गांधी और न ही उनके किसी उत्तराधिकारी ने सैन्य बलों का श्रेय छीना था।’
