गुरुवार शाम मध्य प्रदेश समेत पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल सामने आए। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर आए एग्जिट पोल ने सभी को चौंका दिया। मध्य प्रदेश में जहां लोग कांटे की टक्कर की बात कह रहे थे, वहीं पर एग्जिट पोल में कुछ और ही सामने आया है।
मध्य प्रदेश को लेकर एग्जिट पोल्स में अनुमान जताया गया है कि वहां पर बीजेपी बड़े बहुमत के साथ वापसी कर सकती है। एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक मध्य प्रदेश में बीजेपी को 151 सीटें मिल सकती हैं तो वहीं कांग्रेस 79 सीटों पर सिमट सकती है। टूडेज चाणक्य ने भी बीजेपी को 151 सीटें दी है तो कांग्रेस को 74 सीटें दी है। सीएनएक्स एग्जिट पोल ने भी बीजेपी को एमपी में 149 सीटें दी हैं।
लाडली बहना योजना साबित हो सकती है गेम चेंजर
सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर एग्जिट पोल नतीजे में तब्दील होते हैं तो बीजेपी के लिए एमपी चुनाव में सबसे बड़ा गेम चेंजर क्या साबित हुआ? पूरे मध्य प्रदेश चुनाव के दौरान शिवराज सिंह चौहान सरकार की महत्वाकांक्षी लाडली बहना योजना काफी चर्चा में रही। बीजेपी के साथ सभी विपक्षी दलों ने भी माना की यह योजना जनता को खूब पसंद आ रही है।
मध्य प्रदेश में अगर बीजेपी को जीत मिलती है तो उसके पीछे महिला वोटर काफी महत्वपूर्ण है। लाडली बहना योजना के माध्यम से प्रदेश के 1 करोड़ 31 लाख महिलाओं के खाते में ₹1250 हर महीने जा रहे हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान 34 सीटों पर महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में अधिक मतदान किया है।
पीएम मोदी के चेहरे के सहारे चुनाव लड़ी बीजेपी
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर संभाग को कवर किया । पीएम मोदी ने अपनी रैलियों में जनता से कहा कि यह मोदी की गारंटी है और जनता ने इस पर खूब भरोसा किया। बीजेपी ने मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए किसी का चेहरा तो नहीं घोषित किया लेकिन चुनाव के दौरान पीएम मोदी ही बीजेपी का चेहरा रहे। चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रणनीति का काम देख रहे थे और बूथ प्रबंधन पर एक बार फिर से पार्टी ने जोर दिया। जो नेता टिकट न मिलने के कारण नाराज थे, उन्हें भी अमित शाह और उनके करीबी लोगों ने ही मनाया और इसका चुनाव में फायदा भी मिल सकता है।
शिवराज की लोकप्रियता सबसे अधिक
मध्य प्रदेश में अगर मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरों की बात की जाए तो शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता सबसे अधिक है। कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार कमलनाथ के मुकाबले शिवराज सिंह चौहान का चेहरा जनता के बीच काफी लोकप्रिय था। भले ही भाजपा ने उन्हें चेहरा घोषित नहीं किया है लेकिन जनता मानती है कि वह एक बार फिर से बीजेपी की सरकार बनने पर सीएम बन सकते हैं।
पहले ही कर दी उम्मीदवारों की घोषणा
बीजेपी ने मध्य प्रदेश में उम्मीदवारों की घोषणा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही कर दी थी। पिछले चुनाव में हारी हुई सीटों पर भाजपा ने बड़े नेताओं को उतार दिया। बीजेपी ने मध्य प्रदेश चुनाव में तीन केंद्रीय मंत्री और 7 सांसदों को चुनाव में उतारा। वहीं राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को भी मुश्किल सीट से मैदान में उतारा। यह सभी नेता एग्जिट पोल के अनुसार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान खुलकर हिंदुत्व पर जोर दिया। एमपी में हिमंता बिस्वा सरमा और योगी आदित्यनाथ ने कई रैलियां को संबोधित किया और राम मंदिर का जिक्र किया। बीजेपी ने मध्य प्रदेश चुनाव में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया।
