कैलाश विजयवर्गीय ने स्थानीय भाजपा कार्यालय में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी परिवारवाद के खिलाफ हैं। जैसे ही मुझे भाजपा ने चुनावी टिकट दिया, तो आकाश ने राष्ट्रीय अध्यक्ष (जेपी नड्डा) को पत्र लिख दिया कि चूंकि मुझे टिकट दिया गया है, तो उनके (आकाश के) टिकट पर विचार नहीं किया जाए।
विजयवर्गीय को इंदौर-1 सीट से पहले ही उम्मीदवार घोषित किया जा चुका है
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में उतरे भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने सोमवार को कहा कि उनके विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को ‘स्वविवेक से’ पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि इस बार उन्हें (आकाश को) टिकट दिए जाने पर विचार नहीं किया जाए। विजयवर्गीय को इंदौर-1 सीट से पहले ही भाजपा उम्मीदवार घोषित किया जा चुका है। इसके बाद से ही अटकलें हैं कि इंदौर-3 सीट की विधानसभा में नुमाइंदगी करने वाले उनके बेटे का चुनावी टिकट इस बार कट सकता है।
आकाश ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिख किया नाम पर विचार न करने का अनुरोध
फिलहाल इंदौर-3 से भाजपा ने अपने उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है। कैलाश विजयवर्गीय ने स्थानीय भाजपा कार्यालय में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी परिवारवाद के खिलाफ हैं। जैसे ही मुझे भाजपा ने चुनावी टिकट दिया, तो आकाश ने राष्ट्रीय अध्यक्ष (जेपी नड्डा) को पत्र लिख दिया कि चूंकि मुझे टिकट दिया गया है, तो उनके (आकाश के) टिकट पर विचार नहीं किया जाए।
उन्होंने कहा कि यह तो उनके हृदय (आकाश के हृदय की) विशालता है। आकाश ने मुझसे पूछे बगैर स्वविवेक से यह पत्र लिखा। मैं आकाश के इस कदम की तारीफ करूंगा। आकाश के समर्थकों द्वारा उन्हें मौजूदा विधानसभा चुनावों में इंदौर-3 से ही दोबारा टिकट देने की मांग पर विजयवर्गीय ने कहा कि यह मांग बताती है कि उनके बेटे इस क्षेत्र में ‘बहुत ज्यादा लोकप्रिय’ हैं। उन्होंने कहा कि इंदौर-3 के लोग आज भी जब मुझसे मिलते हैं, तो पूछते हैं कि क्या वे आकाश को टिकट दिए जाने की मांग लेकर प्रधानमंत्री के पास जाएं?
मैं इन लोगों से कहता हूं कि उन्हें ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि हम पार्टी का निर्णय शिरोधार्य करेंगे और जिस भी उम्मीदवार को इंदौर-3 से टिकट मिलेगा, उसके लिए काम करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चुनावी चेहरा घोषित नहीं करके दरकिनार कर दिया है, विजयवर्गीय ने जवाब दिया कि चौहान से मेरी पुरानी मित्रता है, पर मध्यप्रदेश समेत विधानसभा चुनाव वाले पांचों राज्यों में रणनीति तय की गई है कि हम भाजपा संगठन के आधार पर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। (ए)