मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को मतदान संपन्न होने के बाद ईवीएम में गड़बड़ियों को लेकर लगातार सवाल खड़े होते रहें हैं। ईवीएम के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पार्टी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी है। लेकिन इस मामले में कांग्रेस को झटका लगा है। हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर अपने फैसला सुनाते हुए कहा कि आयोग की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए सेंट्रल आर्म्ड मिलिट्री फोर्स का त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है। मतदान वाली सभी ईवीएम मशीनें कड़े सुरक्षा घेरे में सुरक्षित रखी हैं।
दरअसल, कांग्रेस पार्टी की ओर से मध्यप्रदेश कमेटी के महासचिव नरेश सराफ ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमे कहा गया था कि सतना, भोपाल, सागर, शाजापुर और खंडवा में मतदान के बाद ईवीएम मशीनों के प्रबंधन में व्यापक स्तर पर गड़बडिय़ां हुई हैं। इसी मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग की ओर से बताया गया है कि पूरे प्रदेश में मतदान के तुरंत बाद ईवीएम और वीवीपैट मशीनें सील कर दी गई थीं, जो अब मतगणना के दिन यानी 11 दिसंबर को ही खुलेंगी। मतदान वाली ईवीएम और उपयोग नहीं लाई गई ईवीएम के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। चीफ जस्टिस एसके सेठ और जस्टिस विजय शुक्ला की खंडपीठ ने याचिका की सुनवाई की थी।
कोर्ट ने कहा कि आयोग ने कांग्रेस को सभी वैकल्पिक सुरक्षात्मक तरीकों से सूचित भी कराया गया, ऐसी में ईवीएम और स्ट्रांग रूम के लिए कोई कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है। गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी की याचिका में मांग की गई थी कि हाईकोर्ट अपनी निगरानी में एसआईटी गठित करे और गड़बडिय़ों वालों स्थानों की जांच कराए। वहीं, चुनाव आयोग की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ सेठ ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने 2 और 4 दिसंबर को उक्त सभी स्थानों के संबंध में सिलसिलेवार जांच रिपोर्ट भारत निर्वाचन आयोग के साथ ही कांग्रेस को भी भेज दी थी। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को मतदान संपन्न हुआ था। चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे।