Lok Sabha Election 2019: मध्य प्रदेश के भोपाल से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा द्वारा मुंबई हमले में शहीद हेमंत करकरे को लेकर किए गए विवादित टिप्पणी पर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा ने मोर्चा खोल दिया है। हुड्डा ने कहा, “यदि किसी शहीद के बारे में ऐसी बातें की जाती है तो काफी दुख होता है। चाहे वह पुलिस से हों या आर्मी से, उन्हें पूरा सम्मान दिया जाना चाहिए। ऐसे बयान सही नहीं हैं।” बता दें कि वर्ष 2016 में उरी आतंकी हमले के जवाब में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास भारतीय सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक किया गया था। इस स्ट्राइक का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा ने किया था।
दरअसल, प्रज्ञा ने बीते बृहस्पतिवार शाम को शहर के लालघाटी क्षेत्र में भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में मुंबई एटीएस के दिवंगत प्रमुख का नाम लेते हुए कहा था, ‘‘मैं मुंबई जेल में थी उस समय। जांच जो बिठाई थी, सुरक्षा आयोग के सदस्य ने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि जब सबूत नहीं है तो साध्वीजी को छोड़ दो। सबूत नहीं है तो इनको रखना गलत है, गैरकानूनी है। लेकिन उसने (करकरे) कहा कि मैं साध्वी को नहीं छोड़ूंगा।”
साध्वी ने हिरासत के दौरान यातना देने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘”इतनी यातनाएं दीं, इतनी गंदी गालियां दीं जो असहनीय थी, मेरे लिए और मेरे लिए नहीं, किसी के लिए भी। मैंने कहा तेरा सर्वनाश होगा। ठीक सवा महीने में सूतक लगता है। जब किसी के यहां मृत्यु होती है या जन्म होता है। जिस दिन मैं गई थी, उस दिन इसके सूतक लग गया था। ठीक सवा महीने में जिस दिन उसको आतंकवादियों ने मारा उस दिन सूतक का अंत हो गया।”’ साध्वी ने कांग्रेस नेताओं पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा था, ‘‘संन्यासियों को जेल के अंदर डाला गया, बेगुनाह को अंदर डाला गया, उस दिन मैंने कहा इस शासन का अंत हो जाएगा, सर्वनाश हो जाएगा और आज वह प्रत्यक्ष उदाहरण आपके सामने है।” हालांकि, इस बयान पर बवाल मचने के बाद साध्वी ने माफी मांगते हुए इसे वापस ले लिया है। (भाषा इनपुट के साथ)