2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका मध्य प्रदेश से लगा था। यहां पर पार्टी 29 में 28 सीटें हार गई थी। यह उसके लिए सबसे बड़ा झटका था क्योंकि उसके ताकतवर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना लोकसभा सीट से चुनाव हार गए थे। इस सीट से सिंधिया लगातार चार बार लोकसभा सदस्य चुने गए थे।
पहली बार 2002 में सांसद बने सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार 2002 में गुना लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। 2004 में जब लोकसभा चुनाव हुआ, उसमें भी उन्होंने जीत दर्ज की। 2009 के चुनाव में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना से ही जीत दर्ज की थी।
सिंधिया ग्वालियर रियासत के अंतिम महाराज हैं। वह जीवाजीराव के पोते हैं। सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया की एक हवाई जहाज हादसे में 2001 में मृत्यु हो गई थी। उसके बाद सिंधिया राजनीति में आए। 2007 में ज्योतिरादित्य सिंधिया को पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया और उन्हें केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री बनाया गया। जब 2009 में कांग्रेस की सरकार बनी तब सिंधिया को वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री बनाया गया।
मोदी लहर में भी दर्ज की थी जीत
2014 में जब पूरे देश में मोदी लहर थी, उस दौरान भी सिंधिया का किला अभेद रहा और उन्होंने गुना से जीत दर्ज की। 2018 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और 2019 में लोकसभा चुनाव हुए लेकिन इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी के कृष्ण पाल सिंह यादव से चुनाव हार गए। इसके बाद सिंधिया और कांग्रेस पार्टी के बीच रिश्ते खराब हो गए और उन्होंने 2020 मार्च में कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद सिंधिया ने बीजेपी ज्वाइन की और बीजेपी ने राज्यसभा भेजा। इसके बाद मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री बने। 2024 लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने सिंधिया को गुना से उम्मीदवार बनाया है।
कमलनाथ को सीएम बनाने से हुए थे नाराज
2018 में जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी उस दौरान सिंधिया भी सीएम पद की रेस में सबसे आगे थे। हालांकि कांग्रेस ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया और यहीं की सिंधिया की नाराजगी शुरू हुई। एक समय सिंधिया कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के सबसे खास माने जाते थे। यहां तक कहा जाता है कि राहुल गांधी से कोई डायरेक्ट बात नहीं कर सकता लेकिन सिंधिया राहुल गांधी से डायरेक्ट बात करते थे। लेकिन अब दोनों नेता राजनीति के दो छोर पर हैं।