Loksabha Elections 2019: रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि साल 2016 से पहले हुईं सर्जिकल स्ट्राइक्स की उसके पास जानकारी नहीं है। यह बात हाल ही में सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत सामने आई है। यह खुलासा ऐसे समय पर हुआ है, जिससे कुछ ही रोज पहले कांग्रेस ने बड़ा दावा किया था। कहा था कि उसके कार्यकाल (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकारः यूपीए) में छह बार सर्जिकल स्ट्राइक की गई थीं, पर पार्टी ने कभी भी वोटबैंक के लिए उनका इस्तेमाल नहीं किया।

दरअसल, जम्मू और कश्मीर के रहने वाले एक कार्यकर्ता रोहित चौधरी ने इस मसले पर साल 2018 में एक आरटीआई दाखिल की थी। रक्षा मंत्रालय ने उसी के जवाब में साफ किया, “2016 से पहले भारतीय सेना द्वारा किसी प्रकार की सर्जिकल स्ट्राइक की हमारे पास कोई जानकारी नहीं है।”

आरटीआई के जवाब के हवाले से ‘इंडिया टुडे टीवी’ की एक रिपोर्ट में बताया गया कि रक्षा मंत्रालय के पास केवल एक ही सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी है, जिसे 29 सितंबर 2016 को उत्तरी कश्मीर में हुए उड़ी हमले के बाद अंजाम दिया गया था।

चौधरी ने इस आरटीआई के जरिए 2004 से 2014 के बीच की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में जानकारी मांगी थी। जवाब में मिलिट्री ऑपरेशंस के महानिदेशक (डीजीएमओ) ने बताया कि उनके पास केवल एक ही स्ट्राइक का रिकॉर्ड है, जो 20 सितंबर 2016 को हुई थी।

आरटीआई कार्यकर्ता के हवाले से रिपोर्ट में आगे बताया गया कि कांग्रेस ने इस बाबत जनता से झूठ बोला, क्योंकि यूपीए कार्यकाल में ऐसी कोई स्ट्राइक हुई ही नहीं। शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि जब पीएम कहते हैं कि यूपीए काल में हुई सर्जिकल स्ट्राइक्स वीडियो गेम्स में थीं। उनका यह बयान भारतीय सेना का अपमान करता है।

इससे पहले, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कुछ रोज पहले कांग्रेसी नेता राजीव शुक्ला ने कहा था- राजनीतिक फायदे के लिए बताया गया, दिवंगत मनोहर पर्रिकर गदा लेकर मंच पर खड़े थे। इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए थे, कभी उसका श्रेय नहीं लिया। राजनीतिक इस्तेमाल नहीं किया। शुक्ला ने सभी छह स्ट्राइक का ब्यौरा भी दिया था कि वह कब और कहां हुई थीं।

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