Loksabha Elections 2019: रेसलर नरसिंह यादव की मुश्किलें गई हैं। आम चुनाव के दौरान 21 अप्रैल को कांग्रेस के लिए प्रचार करने को लेकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है। नरसिंह मौजूदा समय में महाराष्ट्र पुलिस में एसिस्टेंट कमिश्नर पद पर तैनात हैं और ओलंपिक खेलों में पहलवानी में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार (22 अप्रैल, 2019) को अंबोली पुलिस ने नरसिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज की। आरोप है कि रविवार रात वह कांग्रेसी नेता और मुंबई उत्तर पश्चिम से पार्टी उम्मदीवार संजय निरुपम के साथ प्रचार करते पाए गए थे। पुलिस के हवाले से आगे बताया गया कि यादव को पूछताछ और विभाग की अन्य कार्रवाई का सामना करना होगा।
एक अंग्रेजी अखबार ने इस बारे में बताया कि रविवार रात अंधेरी (पश्चिम) के यादव नगर में निरुपम की जन सभा के दौरान पुलिस बल तैनात था। बकौल एक पुलिस अफसर, “नरसिंह ने कांग्रेसी नेताओं के साथ उस दौरान मंच साझा किया। कानून के मुताबिक, किसी भी अफसर को किसी राजनीतिक दल के प्रचार की अनुमति नहीं होती है। हमने जब उन्हें वहां देखा, तो वरिष्ठ अफसरों को इस बारे में बताया, जिसके बाद मामले की रिपोर्ट चुनाव आयोग के पास भेजी गई।”
ओलंपिक रेसलर के खिलाफ रीप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट की धारा 129 (2) के तहत शिकायत दर्ज हुई है। ऐसे में उन्हें जांच का सामना भी करना होगा। बता दें कि साल 2012 में उन्हें महाराष्ट्र पुलिस के डिप्टी सुप्रीटेंडेंट पद के लिए चुना गया था। इससे पहले, 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने के बाद वह क्लास-1 स्तर की नौकरी के लिए योग्य हो गए थे। वैसे वह तब सेवा में शामिल नहीं हो पाए थे, क्योंकि वह स्नातक पास नहीं थे।
यह ऐसा पहला मौका नहीं है, जब वह किसी समस्या में घिरे हों। 2014 में उन्हें महाराष्ट्र पुलिस में डिप्टी सुप्रीटेंडेंट बनने से रोका गया था। दरअसल, तब उन पर आरोप था कि वह नासिक स्थित महाराष्ट्र पुलिस ट्रेनिंग अकादमी द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा के दौरान नकल करते हुए पकड़े गए थे। बता दें कि नरसिंह मूलरूप से यूपी के हैं, जबकि घरवाले मुंबई में रहते हैं।