कांग्रेस की तरफ से लोकसभा चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी गई है। पहली लिस्ट में पार्टी की तरफ से कुल 39 उम्मीदवारों का ऐलान किया गया है जिसमें राहुल गांधी की सीट की भी घोषणा कर दी गई है। पूर्व अध्यक्ष एक बार फिर वायनाड सीट से ही दावेदारी ठोकने जा रहे हैं। अब बड़ी बात ये है कि कांग्रेस ने जो पहली सूची जारी की है ,उसमें 39 सीटों में 28 तो दक्षिण भारत की हैं। ये बताने के लिए काफी है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी किन प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ने वाली है।

जानकारी के लिए बता दें कि छत्तीसगढ़ से कांग्रेस ने 6 उम्मीदवारों का ऐलान किया गया है। इसके अलावा कर्नाटक, केरल, लक्ष्द्वीप, तेलंगाना से भी उम्मीदवारों का ऐलान हुआ है। नॉर्थ ईस्ट की भी कुछ सीटों पर प्रत्याशियों का नाम फाइनल कर लिया गया है। अब समझने वाली बात ये है कि पार्टी ने अपनी सूची में सबसे ज्यादा फोकस केरल पर दिया है जहां से राहुल गांधी भी चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

लंबे समय से ऐसा देखा गया है कि देश में उत्तर बनाम दक्षिण की सियासी जंग देखने को मिल रही है। अब ये जंग भाषा के आधार पर होती है, खाने के नाम पर होती है और अब तो राजनीति में भी इसकी झलक दिखने लगी है। जिस तरह से हिंदी पट्टी राज्यों में कांग्रेस का सफाया हुआ है, संदेश दिया गया है कि उत्तर भारत में बीजेपी की पकड़ ज्यादा मजबूत है। लेकिन बात जब दक्षिण भारत की आती है तो पहले कर्नाटक और फिर तेलंगाना में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बना कांग्रेस ने दिखा दिया है कि भारत के कुछ क्षेत्रों में जरूर देश की सबसे पुरानी पार्टी की विचारधारा स्वीकार की जा रही है।

अब जो उम्मीदवारों की सूची भी कांग्रेस ने जारी की है, वहां सबसे ज्यादा प्रत्याशी केरल से ही घोषित किए गए हैं। ये वो राज्य है जहां से कांग्रेस को काफी उम्मीदें हैं, उसने इसी वजह से 20 में से 16 प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। यहां भी राहुल गांधी को फिर वायनाड से चुनाव लड़वाकर भी यही संदेश देने का काम हुआ है। कांग्रेस के कुछ नेताओं ने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि दक्षिण में बीजेपी की विचाधारा को स्वीकार नहीं किया जा रहा है तो वहीं उत्तर में पार्टी को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

वर्तमान में अगर बात केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की हो, तो यहां से ही लोकसभा की 118 सीटें निकलती हैं। बीजेपी के पास सिर्फ चार सीटें हैं, वो भी सारी तेलंगाना से आई हैं। ये वो सीटें जहां कांग्रेस और इंडिया गठबंधन अपने लिए प्रबल संभावनाए देख रहा है।