Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख वसीम रिजवी के बयान ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। वसीम रिजवी ने मंगलवार (30 अप्रैल) को कहा कि यदि नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री नहीं बनते हैं तो वे राम मंदिर के सामने आत्महत्या कर लेंगे। उन्होंने लखनऊ में बयान दिया कि कट्टर मुसलमान उन्हें जान राम मंदिर का समर्थन करने की वजह से जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। यदि मोदी हार जाते हैं तो उनके पास आत्महत्या करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचेगा।
इससे पहले मार्च में रिजवी द्वारा कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के खिलाफ कथित तौर पर विवादास्पद टिप्पणी करने को लेकर यूथ कांग्रेस के नेता शरद शुक्ला द्वारा एक मामला दर्ज करवाया गया था। इसमें रिजवी पर आईपीसी की धारा 354 और 309 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
रिजवी कुछ समय पहले उस समय विवादों में आ गए थे जब उन्होंने कहा था कि जो मुसलमान राम मंदिर निर्माण का विरोध करते हैं, उन्हें आईएसआईएस में शामिल हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा था, “जो सेक्युलर हैं, वे कभी राम मंदिर निर्माण का विरोध नहीं करेंगे। जो लोग अयोध्या में राम जन्मभूमि निर्माण का विरोध कर रहे हैं और बाबरी मंदिर निर्माण के पक्षकार हैं, उन्हें पाकिस्तान या बांग्लादेश चले जाना चाहिए। भारत में कट्टरपंथी मुसलमानों के लिए कोई जगह नहीं है।” साथ ही कुछ समय पहले उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कहा था कि सभी मदरसों को बंद कर देना चाहिए क्योंकि वे आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं।
रिजवी को शीर्ष इराकी धर्मगुरु अयातुल्ला सिस्तानी द्वारा बाबरी मस्जिद पर एक फतवे को खारिज करने के लिए इस्लाम से ‘बहिष्कृत’ किया गया है। 2018 में, वरिष्ठ शिया धर्मगुरू कल्बे जव्वाद ने घोषणा की थी कि वसीम रिजवी को इस्लाम से बहिष्कृत कर दिया गया था। शीर्ष इराकी धर्मगुरु अयातुल्ला सिस्तानी को दुनिया भर में शियाओं के बीच धार्मिक अधिकारी माना जाता है। कल्बे जव्वाद ने मीडिया से कहा था, “आयतुल्लाह अली अल सिस्तानी द्वारा जारी फतवे को कोई खारिज नहीं कर सकता है। यदि कोई इसका विरोध करता है तो उसे शिया कहलाने का अधिकार नहीं है।”