Lok Sabha Election 2019: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 मई को अयोध्‍या के पास रैली की। उन्‍होंने शहर से करीब 25 किमी दूर गोसाईंगंज के नया गांव में रैली की। लेकिन, इस रैली में उन्‍होंने राम मंदिर का कोई जिक्र नहीं किया। न ही, राम लला जाकर दर्शन किए। उनका जोर आतंकवाद के खतरों पर रहा।

गोसाईगंज इलाके में रैली को संबोधित करते हुये प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “श्रीलंका में क्या हुआ, कुछ यही स्थिति 2014 से पहले भारत में थी। अयोध्या और फैजाबाद में कैसे कैसे बम धमाके हुए, क्या हम इसे भूल सकता है ? वे दिन हम कैसे भूल सकते हैं जब देश में आये दिन कहीं न कहीं आतंकी हमला होता था । बीते पांच वर्ष में इस तरह के बम धमाकों की खबर आनी बंद हो गयी हैं। लेकिन इसका अर्थ यह नही है कि आतंकी खत्म हो गये है। हमारे पड़ोस में आतंक की फैक्ट्री अभी भी चल रही है, वहां एक ही उद्योग है, आतंक को एक्सपोर्ट करना।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कटाक्ष किया कि इतने चेहरे हैं आजकल प्रधानमंत्री बनने के लिये कि हर गली मोहल्ले में कोई न कोई उभर कर आता है और वह प्रधानमंत्री बनना चाहता है। उन्होंने सवाल किया, इनमें से कौन चेहरा है जो आतंकवाद को खत्म कर सकता है? यह सपा वाले कर सकते है? बसपा वाले कर सकते है? कांग्रेस वालो ने पहले किया ही नही अब क्या करेंगे।

उन्होंने कहा, “अब ये प्रधानमंत्री बनने के लिये कमर कस कर खड़े हो गये है। मुझे बताइये कि जितने प्रधानमंत्री बनने के लिये चेहरे दिख रहे है आप उन पर भरोसा कर सकते है क्या? आज भी दुनिया में आतंकवाद का खतरा है कि नही है? पहले बार बार बम धमाके होते थे, अयोध्या में, काशी में हुआ था, मुंबई में बम धमाका हुआ था, रामपुर में हुआ था, यह बम धमाके होते रहते थे। पांच साल हो गये यह धमाके बंद क्यों हो गये? क्या कारण है? यह धमाके मोदी के कारण बंद नही हुये है, धमाके बंद होने का कारण आपका एक वोट है, यह आपके वोट की ताकत है जिसने इस चौकीदार को मजबूत बनाया, आज चौकीदार देश की चौकीदारी कर रहा है।”

मोदी ने कहा कि ये आतंकी देश में एक कमजोर सरकार के इंतजार में हैं। ये मौके की ताक में बैठे हैं। जैसे सड़कों पर लिखा रहता है- सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। ये आतंकवाद का खेल भी ऐसा है , सावधानी हटी नहीं, मौत का बुलावा आया नहीं। उन्होंने कहा, “यह बात इसलिये अहम है क्योंकि सपा, बसपा या कांग्रेस हो या कोई भी महामिलावटी हो, इनका आतंक पर नरमी का पुराना रिकॉर्ड रहा है। हमारी सुरक्षा एजेंसियां आतंक के मददगारों को पकड़ती थी, ये वोट के लिए उन्हें छोड़ देते थे। आज यह महामिलावटी केंद्र में एक बार फिर मजबूर सरकार बनाने की फिराक में है। लेकिन आपको पूरी तरह से चौकन्ना रहना है। हम एक नये हिन्दुस्तान के रास्ते पर चल पड़े हैं ”जो छेड़ता नहीं है लेकिन कोई छेड़ेगा तो छोड़ता भी नहीं है।” (भाषा इनपुट के साथ)