Lok Sabha Election 2019: राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार (8 अप्रैैल) को महाराष्ट्र के वर्धा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ‘राष्ट्रीय विपदा’ हैं और देश को सुरक्षित रखने के लिए लोकसभा चुनाव में उन्हें हराना जरूरी है। पवार ने कहा कि मोदी को ना तो देश का नेतृत्व करने में विपक्ष की क्षमता की बात करनी चाहिए और ना ही पवार परिवार में एकता की। उन्होंने कहा कि संप्रग ने 2004 से लेकर एक दशक तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को अच्छी तरह चलाया था। राकांपा संप्रग का हिस्सा थी।

पवार ने कहा, ‘‘हम देश अच्छे से चला सकते हैं। मोदी को हमारी क्षमता की फिक्र करने की जरूरत नहीं है।’’ पवार ने वर्धा की एक रैली में अपने खिलाफ निजी हमले के लिए भी प्रधानमंत्री की आलोचना की। मोदी ने वर्धा की रैली में कहा था कि पवार की राकांपा से पकड़ कमजोर हो गयी है और उनके परिवार में विवाद चल रहा है।

पवार ने कहा, ‘‘मैं अपने घर में खुश हूं। आपको चिंंता की जरूरत नहीं है। आपके जीवन में आपका कोई घर नहीं रहा।’’ राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री एक अप्रैल को रैली के लिए वर्धा गये लेकिन महात्मा गांधी के सेवाग्राम आश्रम नहीं गये। वह गांधीवादी होने का दावा करते हैं और चरखा चलाते हुए तस्वीरें खिंचाते हैं लेकिन उन्होंने सेवाग्राम आश्रम जाकर श्रद्धांजलि देना सही नहीं समझा। उन्होंने किसानों को लेकर भी केंद्र सरकार को घेरा।

वहीं, महाराष्ट्र का मावल लोकसभा क्षेत्र अचानक से हाई प्रोफाइल हो गया है जहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार के पौत्र पार्थ पवार शिव सेना के उम्मीदवार श्रीरंग बार्ने को चुनौती दे रहे हैं। पार्थ, पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के पुत्र हैं और पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। पवार परिवार की यह तीसरी पीढी है जो इस बार चुनाव मैदान में है, इससे स्थानीय राजनीति में उथल पुथल मच गयी है। बार्ने ने पार्थ की चुनौती को खारिज करते हुए कहा कि लोकसभा क्षेत्र में राकांपा के पास संगठनात्मक कमी है जो पुणे जिले के पिम्परी से रायगढ जिले के पनवेल तक फैला है।

बार्ने को उत्तर देते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का मानना है कि पार्थ को विभिन्न धड़ों के लोगों का मत मिलेगा, जो पार्थ और उनके पिता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के किये गए कार्यों की सराहना कर रहे हैं। राकांपा के एक नेता ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ता जिसने 2014 के निर्वाचन के दौरान अपनी वफादारी भाजपा और शिव सेना की तरफ दिखायी थी, वह पवार के वंशज के लिए वापस लौटने के इच्छुक हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में 22 लाख मतदाता हैं और छह विधानसभा क्षेत्र हैं जिसमें पिंपरी, चिंचवाड़ और मावल पुणे जिले में है जबकि उरन, पनवेल और करजात रायगढ़ जिले में है।

सत्ता विरोधी लहर को खारिज करते हुए बार्ने ने कहा कि पार्थ की एकमात्र योग्यता यह है कि वह पवार खानदान से आते हैं। पुणे जिले में राकांपा की मजबूत पकड़ है लेकिन 2008 में परिसीमन के बाद बनी इस सीट पर जीत हासिल करने में पार्टी विफल रही है। उसके बाद हुए दो लोकसभा चुनावों में यहां शिवसेना ने जीत दर्ज की है।