Loksabha Election 2019: लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है और सभी पार्टियां इसकी तैयारियों में जुट गईं हैं। टिकट को लेकर हर पार्टी दफ्तर के बाहर होड़ लगी हुआ है। इसी बीच भाजपा की मध्य प्रदेश यूनिट एक नई चुनौती का सामना कर रही है क्योंकि पार्टी के कई नेताओं ने सार्वजनिक रूप से अपने या अपने रिश्तेदारों के लिए टिकट की मांग करना शुरू कर दिया है। टिकट चाहने वालों में वे लोग हैं जिन्हें पार्टी ने टिकट से वंचित कर दिया गया था या हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में जो लोग हार गए थे। या फिर जिन्हें राज्य में बीजेपी के लंबे शासन के दौरान दरकिनार कर दिया गया था। अब कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद ऐसे लोगों ने बोलना शुरू कर दिया है। भोपाल संसदीय सीट के लिए कई दावेदार हैं। इन दावेदारों में सबसे आगे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर हैं।

गौर ने कहा, “मैं कई बार विधायक रहा हूं और एक बार सांसद बनना चाहता हूं।” उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले में उनकी सिफारिश की है। दरअसल पिछली बार जब प्रधानमंत्री भोपाल आए थे तब बाबूलाल और पीएम के बीच अभिवादन का आदान-प्रदान हुआ। तब पीएम मोदी ने कहा था ” एक बार और, बाबूलाल गौर।” बाबूलाल इस मुलाकात का जिक्र करते हुए ऐसा कह रहे हैं। राज्य के पूर्व गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने मंगलवार को अपने आवास पर गौर को बुलाया। बैठक के बाद, गुप्ता ने कहा कि वह भोपाल से चुनाव लड़ने के लिए तैयार थे और उन्होंने कहा कि सीट से लोकल उम्मीदवार को ही चुनाव लड़ने का मौका मिलना चाहिए। वहीं सांसद आलोक संजर यहां से दोबारा टिकट की उम्मीद कर रहे हैं।

भाजपा के दिग्गज नेता रघुनंदन शर्मा ने आरोप लगाया कि 2014 के चुनाव में उन्हें मंदसौर से टिकट देने का वादा किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने कहा, “अगर वे किसी और को मैदान में उतारना चाहते थे तो पहले मुझे विश्वास में लेना चाहिए था। इस बार मैं मंदसौर सहित कहीं से भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं, लेकिन मैं सीट के लिए भीख का कटोरा लेकर नहीं जाऊंगा ” पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चुनाव लड़ने की अटकलों का जवाब देते हुए उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया “वह लंबे समय से विधायक और सीएम हैं। अब समय आ गया है जब वह संगठन को मजबूत करने के लिए काम करें और दूसरों को चुनाव लड़ने का मौका दें।”
पूर्व वित्त मंत्री राघवजी, जिन्हें सोडोमी के आरोप के बाद बर्खास्त कर दिया गया था। उन्होंने विदिशा से अपनी बेटी ज्योति शाह के लिए टिकट मांगा है। सांसद और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जो विदिशा से चुनाव लड़ती हैं इस बार स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने चुनाव न लड़ने का फैसल किया है। राघवजी ने कहा “बीजेपी ने 46 साल बाद विदिशा (विधानसभा सीट) खोई है। जाहिर है, पार्टी का स्टॉक गिर रहा है। अगर आप बाहरी व्यक्ति को टिकट देंगे तो पार्टी के लिए जीतना मुश्किल होगा।” भाजपा के पूर्व विधायक आर डी प्रजापति ने एक खुला पत्र लिखते हुए टीकमगढ़ से टिकट मांगा है। जिसका प्रतिनिधित्व अब वीरेंद्र खटीक कर रहे हैं। विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने कहा कि यह मामला इतना महत्वपूर्ण नहीं है कि वह टिप्पणी कर सके।