Lok Sabha Election 2019: टाइम मैग्जीन के कवर पेज पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘डिवाइडर इन चीफ’ बताया गया है। इसमें ये बातें लिखी गई हैं कि मोदी सरकार में हिंदू और मुसलमान के बीच भाईचारा स्थापित करने की कोशिश नहीं की। भारत की पहचान ‘उदार संस्कृति’ थी, जिस पर अब धार्मिक राष्ट्रवाद हावी हो रहा है। इस मुद्दे पर टीवी डिबेट के दौरान भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मोदी राज में सबका साथ-सबका विकास हो रहा है। इस पर कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने पूछा कि फिर आपको क्यों नहीं टिकट दिया गया। कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि भाजपा मुसलमानों के साथ भेदभाव करती है और मौजूदा चुनाव को किसी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया। हालांकि, भाजपा प्रवक्ता ने इस पलटवार करते हुए कहा कि केरल सहित अन्य जगहों पर बीजेपी ने चार सीटों पर मुसलमानों को टिकट दिया।
एबीपी न्यूज पर डिबेट में शाहनवाज हुसैन ने कहा, “गौरक्षा के नाम पर कुछ घटनाएं जरूर हुई थी, लेकिन पीएम ने जिस शब्दों में उसकी निंदा की, इससे लोगों में संदेश गया कि प्रधानमंत्री किसी भी हालात में अकलियत के साथ या मॉब लिंचिंग की जो घटनाएं हुई है, उसके खिलाफ हैं। प्रधानमंत्री ने सख्त शब्दों में कई बार इसकी निंदा की। नरेंद्र मोदी के आने से पहले ऐसा पूर्वाग्रह बनाया गया कि उनके आने से मुसलमानों का हिंदुस्तान में रहना मुश्किल हो जाएगा। लेकिन नरेंद्र मोदी आए और आज भी हिंदुस्तान में भाईचारा कायम है। सब मिलकर रह रहे हैं। कहीं पर कोई घटना नहीं है। दुनिया की दो बड़ी कौम भारत में मिलकर रहती है। मैंने कहा भी था कि मुसलमानों के लिए भारत से अच्छा कोई देश और हिंदू से अच्छा कोई दोस्त नहीं हो सकता। अमेरिका कोई हक नहीं है कि भारत के प्रधानमंत्री को ‘ग्रेट डिवाइडर’ कह दे।”
भाजपा प्रवक्ता के इस बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा, “इसी टाइम मैग्जीन के 2015 के कवर को देखने पर यह पता चलता है कि जब प्रचंड बहुमत के साथ मोदी जी सत्ता में आए तब ‘मोदी जी खड़े हुए थे और साथ में लिखा था विल ही डिलिवर’। उसके तीन-चार साल बाद लिखा आ रहा है ‘डिवाइडर इन चीफ’। ऐसे में यह सवाल सामने आ रहा है क्या वो उम्मीदें, आकांक्षाएं, भरोसा लोगों ने जताया था, क्या वे पूरे हुए? क्या मोदी जी उन मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे हैं? क्या बेरोजगारी खत्म हुई? क्या महिलाएं सुरक्षित हो गई? क्या किसानों की आत्महत्या बंद हो गई? क्या सीमा पर जवान शहीद होने बंद हो गए? क्या पत्थरबाजों की संख्या कम हो गई? आज भावनात्मक मुद्दों पर, धर्म पर, छद्म राष्ट्रवाद पर, आस्थाओं के नाम पर चुनाव लड़ने का काम किया जा रहा है। कितनी बार रैली में मोदी जी ने विकास, सबका साथ-सबका विकास, अच्छे दिन का प्रयोग किया? आज मोदी जी को वो याद नहीं आ रहा है? ये निक्कमी और लाचार सरकार है।”
शाहनवाज हुसैन ने कहा, “मैंने टाइम मैग्जिन को पूरा बढ़ा। एक पक्ष उसमें यह भी है कि मोदी डिलीवर कर सकते हैं। भारत की अर्थव्यवस्था को सहज और सरल कर दिए। आर्थिक सुधार के लिए अन्य देशों के साथ अच्छे रिश्ते बनें। लेकिन चर्चा निगेटिव की हो रही है। जैसे मोदी जी प्रधानमंत्री बने, अवार्ड वापसी गैंग आ गए। विरोधी इतने दुष्प्रचार किए गए कि वहां पूर्वाग्रह के आधार पर इस तरह के शब्द लिखे गए। पाकिस्तान के चश्मे से लिखने वाले को यही दिखेगा।”
रागिनी नायक ने कहा, “चुनाव जीतने के बाद देश की छवि पर सबसे बड़ा प्रहार मोदी जी ने खुद किया था। विदेश की भूमि में कहा था कि मुझसे पहले इस देश में पैदा होने पर शर्म होता था। आज जब उनकी छवि पर प्रहार हो रहा है, तो उनकी तिलमिलाहट जायज नहीं है। 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है। जीएसटी और नोटबंदी ने देश की कमर तोड़ दी। चुनाव में अली और बजरंगबली को लाया गया। मैं ये कहती हूं कि आतंक के आरोपी को न सिर्फ चुनाव में प्रत्याशी बनाना और उसके तारीफ में कसीदे पढ़ना, इस देश के प्रधानमंत्री कर रहे हैं तो आप उन्हें कैसे बांटने वाला नहीं कहेंगे।”
