लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस महासचिव और पूर्वी यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी तीन दिवसीय दौरे पर पूर्वांचल के चुनावी समीकरण साधने में जुटी हैं। अपनी तीन दिन की ‘गंगा यात्रा’ की शुरुआत उन्होंने सोमवार (18 मार्च ) से कर दी है। इस दौरान प्रियंका लोकसभा की पांच सीटों प्रयागराज (इलाहाबाद), फूलपुर, भदोही, मिर्जापुर और वाराणसी के स्थानीय लोगों से मुलाकात कर वहां की चुनावी संभावनाओं को भी परखेंगी। गौरतलब है कि प्रियंका जिन-जिन इलाकों से गुजरेंगी वहां अगर वाराणसी को छोड़ दें तो 1984 के बाद से पार्टी को कभी जीत नहीं नसीब हुई है। इसके मद्देनजर प्रियंका का फोकस इन इलाकों में अधिक है।
कांग्रेस और प्रयागराज का इतिहास: बता दें कि कभी कांग्रेस का गढ़ रहे प्रयागराज में इलाहाबाद और फूलपुर दो लोकसभा सीटें आती हैं। बात अगर इलाहाबाद की करें तो यहां से 1984 में अमिताभ बच्चन के बाद से अब तक कांग्रेस को जीत नहीं नसीब हुई है। वहीं फूलपुर में 1984 में राम पूजन पटेल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। लेकिन इसके बाद से पार्टी को फिर यहां से जीत नहीं हासिल हो सकी। गौरतलब है कि फूलपुर से पहले पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरु, विजय लक्ष्मी पंडित जैसे दिग्गज नेता कांग्रेस सांसद रह चुके हैं। जबकि इलाहाबाद से दूसरे पीएम लाल बहादुर शास्त्री और मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन कांग्रेस सांसद रहे हैं।
मिर्जापुर लोकसभा: बता दें की यहां से 1984 में कांग्रेस के टिकट पर उमाकांत मिश्रा को आखिरी बार जीत हासिल हुई थी। उसके बाद से पार्टी को यहां लगातार हार का मुंह देखना पड़ा है। मिर्जापुर में कांग्रेस की आखिरी जीत के बाद से यहां हुए अब तक आठ लोकसभा चुनावों में तीन बार सपा, दो बार बीजेपी और एक-एक बार बसपा और जनता दल को जीत हासिल हुई है। मौजूदा समय में एनडीए की सहयोगी अपना दल की अनुप्रिया पटेल यहां से सांसद हैं।
भदोही में कांग्रेस को पहली जीत का इंतजार: बता दें कि भदोही लोकसभा सीट 2009 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। इस दौरान 2009 में यहां बसपा ने जीत हासिल की थी जबकि 2014 में मोदी लहर के बीच ये सीट बीजेपी के खाते में गई थी। मौजूदा समय में बीजेपी के वीरेंद्र सिंह यहां से सांसद हैं। भदोही में अभी भी कांग्रेस को अपना खाता खोलना बाकी है।
पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी: गौरतलब है कि वाराणसी लोकसभा सीट से पीएम नरेंद्र मोदी 2014 में सांसद चुने गए थे। लेकिन कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष इस बार यहां काफी जोर लगा रहा है। इसके मद्देनजर ही प्रियंका गांधी वाराणसी पहुंचने वाली है। बता दें कि वाराणसी से कांग्रेस को बीते 35 साल में सिर्फ एक बार ही जीत नसीब हुई है। 1984 के बाद से यहां हुए आठ लोकसभा चुनावों में बीजेपी को छह बार जीत हासिल हुई जबकि कांग्रेस को सिर्फ एक बार 2004 में जीत मिली थी।
चंदौली में 1984 के बाद से जीत की आस: कांग्रेस को चंदौली में 1984 के बाद से जीत नहीं हासिल नहीं हुई है। गौरतलब है कि इस सीट पर पार्टी की हालत काफी खराब रही है। चंदौली में 1989 के लोकसभा चुनाव में पार्टी दूसरे नंबर पर रही और उसके बाद 2009 में तीसरे नंबर पर थी। लेकिन इसके अलावा ऐसा कोई भी चुनाव नहीं रहा जिसमें कांग्रेस टॉप तीन में भी शामिल हो पाई हो। बता दें कि 2014 में मौजूदा यूपी बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने यहां से जीत दर्ज की थी।
