कांग्रेस ने राजस्थान की जयपुर लोकसभा सीट से सुनील शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। लेकिन उनकी उम्मीदवारी पर कई सवाल खड़े होने लगे हैं। वजह उनके ‘जयपुर डायलॉग्स- The Jaipur Dialogues’ से जुड़े होने को कहा जा रहा है।
जयपुर डायलॉग्स सोशल मीडिया साइट्स एक्स और यूट्यूब पर दक्षिणपंथी विचारों के प्रचार के लिए जाना जाता है। सोशल मीडिया पर कई ऐसे पुराने पोस्ट्स साझा किए जा रहे हैं जिसमें जयपुर डायलॉग्स के एक्स हैंडल और यूट्यूब पर मुसलमानों के खिलाफ विवादस्पद बातें लिखी गई हैं। यहां तक कि कांग्रेस पार्टी की आलोचाना से जुड़े बयान भी साझा किए गए हैं।
क्या है पूरा मामला?
सुनील शर्मा कांग्रेस के साथ लंबे वक्त से जुड़े रहे हैं। वह सुरेश ज्ञान विहार विश्वविद्यालय के चांसलर भी हैं। अब जयपुर लोकसभा से जब उन्हें कांग्रेस का टिकट मिला तो उनके सामने ‘द जयपुर डायलॉग्स’ के साथ उनका जुड़ाव काफी मुश्किल बना हुआ है। ‘द जयपुर डायलॉग्स’ 2016 में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी संजय दीक्षित ने लॉन्च किया था। सोशल मीडिया पर अब यह मांग उठी है कि सुनील शर्मा का टिकट वापस लिया जाए।
सुनील शर्मा ने इस मामले में एक बयान जारी कर कहा है– “जयपुर डायलॉग्स के यूट्यूब चैनल के प्रबंधन से मेरा कभी कोई नाता नहीं रहा है। मुझे चर्चा के लिए सभी तरह के न्यूज़ चैनल और यूट्यूब चैनल की तरफ से बुलाया जाता है और मैं कांग्रेस की विचारधारा के दायरे में अपनी राय रखता हूं। ‘द जयपुर डायलॉग्स’ ने भी कई सामाजिक मुद्दों पर चर्चा के लिए मुझे बुलाया था जहां मैंने अपनी क्षमता के अनुसार अपनी राय रखी। मैंने भारत की परंपरा के पक्ष में और धार्मिक कट्टरपंथ के विरोध में अपनी राय रखी। काफी पहले मैंने इस संगठन के साथ अपने संबंध ख़त्म कर लिए थे। लेकिन कुछ लोग अपने निहित स्वार्थों के लिए इस बात को लेकर अफ़वाह फैला रहे हैं।”
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सुनील शर्मा से जुड़ी जानकारी के मुताबिक वह अब भी ‘द जयपुर डायलॉग्स’ के पांच निदेशकों में से एक हैं। ‘द जयपुर डायलॉग्स’ की वेबसाइट पर यह देखा जा सकता है।
‘मेरा कोई नाता नहीं’
सुनील शर्मा ने कहा— ”मैंने बहुत पहले ही जयपुर डायलॉग फोरम के निदेशक पद से नाता तोड़ लिया है, जिसके बारे में कुछ लोग अफवाहें फैला रहे हैं।”— हालाँकि नवंबर 2023 में वह द जयपुर डायलॉग्स द्वारा आयोजित सत्र को संबोधित कर रहे थे। 5 नवंबर, 2023 को वह “भारत में डिजिटल विभाजन – एआई और सभ्यता” विषय पर एक बहस में पैनलिस्ट थे। उनका कहना है कि उनका परिवार 1930 के दशक से कांग्रेस से जुड़ा हुआ है और उनके पिता कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी में महासचिव थे और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जेल में भी बंद थे। उनके भाई सुरेश शर्मा भी कांग्रेस पार्टी के जयपुर जिला अध्यक्ष थे और उन्होंने 1990 के दशक में जयपुर से विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे।