भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सोमवार को चुनाव घोषणापत्र समिति की पहली बैठक हुई जिसके केंद्र में सरकार के ‘विकसित भारत’ का एजंडा और उसकी रूपरेखा रही। लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रमुख वादों पर चर्चा करने के लिए आठ केंद्रीय मंत्रियों और तीन मुख्यमंत्रियों ने पार्टी के अन्य नेताओं के साथ बैठक की। बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। सूत्रों के मुताबिक, 19 अप्रैल को पहले चरण के मतदान से पहले पार्टी अपना घोषणा पत्र जारी कर सकती है।
नरेंद्र मोदी एप (नमो) पर लगभग 1.70 लाख सुझाव मिले
बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पार्टी को अपनी ‘मिस्ड काल’ सेवा के माध्यम से 3.75 लाख से अधिक सुझाव मिले हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एप (नमो) पर लगभग 1.70 लाख सुझाव मिले हैं। उन्होंने कहा कि बैठक में 2047 तक विकसित भारत के खाके पर चर्चा की गई। हमारे घोषणापत्र में लोगों की उत्साहपूर्ण भागीदारी प्रधानमंत्री में उनके भरोसे और उनसे उनकी अपेक्षाओं को दर्शाती है।
सभी सुझावों पर चर्चा के बाद ही तैयार होगा घोषणापत्र
भाजपा नेताओं ने कहा कि लोगों से प्राप्त सभी सुझावों को विभिन्न श्रेणियों में बांटा जाएगा और फिर समिति की अगली बैठक उनपर विचार विमर्श करके छांटा जाएगा। मोदी द्वारा गरीबों, युवाओं, महिलाओं और किसानों के लिए अपनी सरकार की प्राथमिकताओं को लगातार रेखांकित किए जाने के साथ सत्तारूढ़ पार्टी उनसे जुड़े मुद्दों को प्रमुखता दे सकती है। समिति के सह-संयोजक गोयल ने कहा कि देश के 3,500 विधानसभा क्षेत्रों में 916 वीडियो वैन भी चलाई गई, जो लोगों तक पहुंची और घोषणापत्र के लिए उनके विचार मांगे।
भाजपा ने शनिवार को 27 सदस्यीय घोषणापत्र समिति गठित की थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को संयोजक तथा गोयल को सह-संयोजक बनाया गया है। समिति में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव, धर्मेंद्र प्रधान, स्मृति ईरानी और राजीव चंद्रशेखर के अलावा पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और कुछ पूर्व उपमुख्यमंत्री भी शामिल हैं। मुख्यमंत्रियों में गुजरात के भूपेंद्र पटेल, मध्य प्रदेश के मोहन यादव, असम के हिमंत बिस्व सरमा और छत्तीसगढ़ के विष्णु देव साय के नाम हैं जबकि पूर्व मुख्यमंत्रियों में शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे के नाम हैं।
समिति के अन्य सदस्यों में पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े, राधामोहन दास अग्रवाल, राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा, ओपी धनखड़, अनिल एंटनी शामिल हैं।