भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्यसभा से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल अधिकतर मंत्रियों को लोकसभा चुनाव में उतारा है। इनमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, पशुपालन व मत्स्य पालन मंत्री पुरषोत्तम रूपाला, सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन आदि शामिल हैं। इनमें से कुछ पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि कुछ वर्षों बाद लोकसभा के चुनावी मैदान में उतरे हैं।

धर्मेंद्र प्रधान – पश्चिमी ओड़ीशा में संबलपुर लोकसभा सीट पर ‘हाई-प्रोफाइल’ मुकाबला देखने को मिलेगा। सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने इस सीट पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा के ओड़ीशा के चेहरे माने जाने वाले धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ पार्टी महासचिव (संगठन) प्रणब प्रकाश दास को उतारा है। दास को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के बाद बीजद में दूसरे नंबर का नेता माना जाता है।

दास (53) राज्य के तटीय क्षेत्र में जाजपुर सीट से तीन बार के विधायक हैं जबकि राज्यसभा सदस्य प्रधान 15 साल के अंतराल के बाद चुनावी मैदान में लौटे हैं। ‘बाबी’ के नाम से मशहूर दास 1990 के दशक के जनता दल के मशहूर नेता दिवंगत अशोक दास के बेटे हैं। दोनों उम्मीदवार अपनी पार्टी के लिए समान रूप से महत्त्वपूर्ण हैं, इसलिए यहां हाई-प्रोफाइल चुनावी जंग देखने को मिलेगी। संबलपुर सीट पर 25 मई को छठे चरण में मतदान होगा।

मनसुख मांडविया – भाजपा ने गुजरात के पोरबंदर से केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया को मैदान में उतारा है। मांडविया पहले अपने गृह नगर भावनगर लोकसभा सीट से लड़ने की तैयारी कर रहे थे। वे भावगनर की पालिताना सीट से एक बार विधायक भी रह चुके हैं, लेकिन वहां पर आम आदमी पार्टी की तरफ से कोली समाज से आने वाले उमेश मकवाणा को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद पार्टी ने उन्हें पोरबंदर सीट से मैदान में उतारा है।

पाेरबंदर से कांग्रेस ने ललित वसोया को उतारा है। वे स्थानीय और जमीन से जुड़े नेता हैं। मांडविया मूलरूप से भावनगर के रहने वाले हैं। गुजरात भाजपा ने सभी उम्मीदवारों को पांच लाख से अधिक अंतर से जीतने का लक्ष्य दिया हुआ है। 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने पोरबंदर सीट से 2.29 लाख मतों से जीत हासिल की थी।

पुरषोत्तम रूपाला – राजकोट संसदीय सीट से भाजपा उम्मीदवार रूपाला पूर्व महाराजाओं पर टिप्पणियों को लेकर फंसते नजर आ रहे हैं। गुजरात में क्षत्रिय समुदाय के सदस्यों ने रूपाला की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई है। हालांकि, रूपाला ने अपनी टिप्पणी को लेकर समुदाय से माफी भी मांग ली है लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। उनकी टिप्पणी का मामला दिल्ली में आलाकमान तक भी पहुंच गया है।

रूपाला ने 22 मार्च को राजकोट में एक सभा को संबोधित करते हुए टिप्पणी की थी कि तत्कालीन महाराजाओं ने विदेशी शासकों और अंग्रेजों के आगे घुटने टेक दिए थे। रूपाला ने कहा था कि इन महाराजाओं ने उनके साथ रोटी-बेटी का संबंध रखा। रूपाला ने अपनी टिप्पणियों के लिए पहले भी माफी मांगी थी लेकिन समुदाय की समन्वय समिति ने उसे स्वीकार नहीं किया था।

वी मुरलीधरन – दक्षिण केरल के अट्टिंगल लोकसभा क्षेत्र से सियासी धुरंधरों के ताल ठोकने से मुकाबला त्रिकोणीय और दिलचस्प हो गया है। भाजपा ने यहां से केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन को मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस के मौजूदा सांसद अदूर प्रकाश और राज्य में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) में घटक मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के मौजूदा विधायक वी जाय को टिकट दिया है।

भूपेंद्र यादव – लोकसभा चुनाव में अलवर लोकसभा सीट पर स्थानीय नेताओं को दरकिनार कर भाजपा ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को मैदान में उतारा है। सूत्रों के मुताबिक यादव हरियाणा की महेंद्रगढ़ सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन आलाकमान ने उन्हें अलवर का टिकट दिया।

यादव बहुल्य इस सीट पर कांग्रेस ने भी यहां यादव उम्मीदवार ही उतारा है। कांग्रेस ने अलवर सीट से मुंडावर विधायक ललित यादव को उम्मीदवार बनाया है। इस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली आठ विधानसभाओं में से पांच कांग्रेस और तीन भाजपा के पास हैं। बड़े कद के नेता भूपेंद्र यादव पर बड़े अंतर से जीत दर्ज करने की चुनौती है।

तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट पर होगी कांटे की टक्कर

राजीव चंद्रशेखर – भाजपा ने केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को केरल की तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से कांग्रेस के वर्तमान सांसद शशि थरूर के खिलाफ टिकट दिया है। इस सीट पर सत्तारूढ़ वाम मोर्चा ने अपने लोकप्रिय चेहरे और पूर्व सांसद पन्नियन रवींद्रन को खड़ा किया है। यहां चंद्रशेखर को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा उम्मीद कर रही है कि ‘टेक्नोक्रेट’ से नेता बने चंद्रशेखर संसदीय क्षेत्र का समग्र विकास कर सकते हैं और लोगों का दिल जीत सकते हैं। पिछले दो लोकसभा चुनावों में भाजपा इस सीट पर दूसरे स्थान पर रही थी।