Lok Sabha Election 2024: बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली और महिलाओं को राजनीति में लाने की हिमायती का मुलम्मा जाहिर करने वाली बीजेपी ने बिहार में एक भी महिला उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है। लोकसभा चुनाव के लिए जारी सूची को देखने से तो ऐसा ही लगता है। कुछ रोज पहले बिहार में अपने कोटे की 17 सीटों के लिए प्रत्याशियों की सूची बीजेपी ने जारी की है।

पार्टी ने अपने कोटे के 17 सीटों के लिए नामों का कर दिया है ऐलान

यह अलग बात है कि बिहार के लिए अपने 40 प्रमुख प्रचारकों की सूची सोमवार को जारी की है। उसमें चार महिला नेत्रियों के नाम है। इनमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, हाल में निर्वाचित राज्यसभा सांसद धर्मशीला गुप्ता, रेणु देवी और निक्की हेम्ब्रम है। ये दोनों भाजपा की बिहार विधानसभा सदस्य है, लेकिन उम्मीदवारों की सूची में एक भी महिला का नाम नहीं है। वहीं, राजग का घटक दल जद(एकी) ने बंटवारे में मिली 16 संसदीय सीटों में से दो पर महिला उम्मीदवार उतारे है। शिवहर सीट से लवली आनंद और सीवान से विजय लक्ष्मी देवी है। बाकी 14 सीटों पर पुरुष उम्मीदवारों को मौका मिला है। अभी जद(एकी) ने अपने प्रमुख प्रचारकों की सूची जारी नहीं की है।

चिराग पासवान ने भी नहीं बनाया किसी महिला को उम्मीदवार

वहीं, राजग के तीसरे घटक दल लोजपा ने हाजीपुर से खुद चिराग पासवान के लड़ने की संभावना है, लेकिन आधिकारिक तौर पर पांच सीटों में से केवल जमुई के लिए उम्मीदवार की घोषणा हुई है। चूंकि बिहार की चार सीटों औरंगाबाद, नवादा, जमुई और गया पर 19 अप्रैल को पहले चरण में चुनाव होना है और वहां बुधवार 27 मार्च नामांकन की आखिरी तारीख थी। जमुई इन चारों में से एक है। इसलिए लोजपा(र) के जमुई से चिराग ने अपने जीजा अरुण भारती को वहां चुनाव मैदान में उतारने का ऐलान किया है। यहां भी महिला नहीं है। हालांकि पहले चर्चा शांवभी को उतारने की थी। यह पूर्व आइपीएस किशोर कुणाल की नजदीकी रिश्तेदार हैं।

उधर, चौथे घटक दल हम पार्टी के प्रमुख जीतनराम मांझी गया से और पांचवें घटक दल रालोमो के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा काराकाट से खुद उम्मीदवार है। इसलिए इनके दल में भी महिला उम्मीदवार उतारने की कोई गुंजाइश नहीं बची है। महागठबंधन के घटक दलों के भी उम्मीदवारों की सूची सामने नहीं आई है। लेकिन राजद की तरफ से लालू प्रसाद की दोनों बेटी मीसा भारती पाटलिपुत्र से और रोहणी आचार्य सारण से चुनाव लड़ने की चर्चा पक्की है। यदि पूर्णिया सीट राजद के कोटे में गई तो जद(एकी) छोड़कर राजद का दामन थामने वाली रुपौली की विधायक बीमा भारती तीसरी महिला उम्मीदवार हो सकती हैं। कांग्रेस और वाम दलों की तरफ से कोई महिला प्रत्याशी का नाम सामने नहीं आया है।

बिहार की राजनीति में 33 फीसद और सरकारी नौकरी में 50 फीसद आधी आबादी की बात करने वाले दलों में कथनी और करनी में अंतर साफ झलकता है। महिलाओं के मत हासिल करने के लिए सभी दल मन लुभावन नारे देते है। लेकिन इन्हें जब प्रतिनिधित्व देने की बात आती है तो सभी पार्टियां कंजूसी पर उतर जाती है। यह इनकी मजबूरी है या जानबूझ कर अनदेखी करना है। यह बात मंजू शर्मा, पुष्पा जोशी, संगीता शर्मा,अनिता शर्मा, सुलोचना मंडल सरीखी महिलाएं सवाल उठा रही है।